Big expansion in India : सूरत से 25 किलोमीटर दूर स्थित हजीरा में आर्सेलर मित्तल/निप्पॉन स्टील इंडिया लिमिटेड (एएम/एनएस) के इस्पात संयंत्र में तेजी से काम जारी है। अरब सागर के किनारे स्थित 2,000 हेक्टेयर में फैले इस संयंत्र में हर दिन इस्पात उत्पादन की प्रक्रिया बिना रुके चल रही है।
कंपनी का लक्ष्य हजीरा को विश्व का सबसे बड़ा एकल साइट इस्पात उत्पादन केंद्र बनाना है। इसके लिए एएम/एनएस ने 700 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि खरीदी है। 2026 तक संयंत्र की उत्पादन क्षमता को 9 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) से बढ़ाकर 15 एमटीपीए करने के लिए $5.1 बिलियन का निवेश किया जा रहा है।
विशेष उत्पाद और उच्च गुणवत्ता
कंपनी ने अपने पेटेंट उत्पाद Optigal और Magnelis भारतीय बाजार में उतारे हैं। इसके साथ ही, निप्पॉन स्टील के कई विशेष उत्पादों को भी जल्द ही बाजार में लाने की योजना है।
कंपनी के सीईओ दिलीप सी. ओommen ने बताया कि वर्तमान भूमि का उपयोग 2030 तक 24 एमटीपीए क्षमता वाले उत्पादन संयंत्रों के लिए किया जाएगा। इसके अलावा, ओडिशा में दो ग्रीनफील्ड परियोजनाएं — एक 12-24 एमटी का संयंत्र केंद्रापड़ा में और दूसरा 7 एमटी का पारादीप में — स्थापित करने की योजना है।
ऊर्जा और पर्यावरण पर फोकस
कंपनी का उद्देश्य कम कार्बन उत्सर्जन वाले इस्पात उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना है। 2015-2023 के दौरान कंपनी ने 34% कार्बन उत्सर्जन घटाया है। इसके लिए एएम/एनएस ने ग्रीनको के साथ साझेदारी की है, जिसके तहत 975 मेगावाट सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं का निर्माण किया जाएगा।
मजबूत प्रतिस्पर्धा और भविष्य की योजनाएं
भारत में इस्पात उत्पादन में एएम/एनएस का लक्ष्य 2035 तक 40 एमटी क्षमता तक पहुंचने का है। इसका मुकाबला जेएसडब्ल्यू स्टील और टाटा स्टील जैसे प्रमुख खिलाड़ियों से है, जो अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
मिशन 2030
कंपनी का मिशन है भारत के इस्पात बाजार में अपनी हिस्सेदारी 20% तक बढ़ाना और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 40% बाजार हिस्सेदारी हासिल करना। इसके लिए निवेश, नए उत्पाद, तकनीकी उन्नयन और पर्यावरण अनुकूल उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है।
आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन प्रबंधन की यह महत्वाकांक्षी योजना भारत को इस्पात उत्पादन में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल करने कीदिशा में एक बड़ा कदम है।