भारत माता की जय के नारों के बीच फूल-मालाओं, नृत्य और परंपरागत रीति-रिवाजों से हुआ अभिनंदन
BSF Veteran Welcome Ceremony (प्रकाश कुमार गुप्ता) : सीमा सुरक्षा बल (BSF) में 38 वर्षों तक देश की सेवा करने के उपरांत सेवानिवृत्त होकर लौटे मनोज किशोर पिंगुवा का उनके पैतृक गांव धनसारी (कुमारडुंगी प्रखंड) में शनिवार को भावपूर्ण और भव्य स्वागत किया गया। गांववासियों ने अपने लाडले सपूत का भारत माता की जय के गगनभेदी नारों और परंपरागत रीति-रिवाजों के साथ जोरदार स्वागत किया।
गांव के मुंडा किटी सरदार पिंगुवा के नेतृत्व में महिला-पुरुष, युवा और बच्चों ने मनोज किशोर को फूल-मालाएं पहनाकर, हल्दी और तुलसी जल से छिड़ककर स्वागत किया। पूरे गांव में उत्सव जैसा माहौल था। ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन पर ग्रामीणों ने नृत्य करते हुए अपने वीर जवान का अभिनंदन किया।
चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पर हुआ पहला स्वागत
मनोज किशोर जैसे ही चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे, वहां भी उनका स्वागत किसी नायक की तरह हुआ। शिक्षकगण सालेन पाट पिंगुवा, योगेन्द्र मुंडरी, कनाय बिरुवा और सतीश पिंगुवा ने उन्हें माला पहनाकर अभिनंदन किया। इसके बाद वे जैसे ही अपने गांव धनसारी पहुंचे, गांववासियों ने उनके स्वागत में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सेवा की गौरवशाली यात्रा
1986 में सीमा सुरक्षा बल में चयनित होने के बाद मनोज किशोर पिंगुवा ने हजारीबाग में सेवा शुरू की और जोधपुर में प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद उन्होंने देश की विभिन्न सीमाओं पर अपनी सेवाएं दीं। हाल ही में किशनगंज (बिहार) से वे सेवानिवृत्त हुए। ग्रामीणों के अनुसार यह केवल किसी व्यक्ति की सेवानिवृत्ति नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए गौरव का क्षण है।
गौरव और सम्मान का क्षण
धनसारी गांव के बुद्धिजीवियों ने कहा कि मनोज किशोर पिंगुवा का स्वागत करना सिर्फ परंपरा नहीं, हमारा फर्ज है। “हमारे गांव का बेटा देश की सीमा पर तैनात रहकर हम सभी की सुरक्षा करता रहा और आज जब वह गर्व से सेवा पूरी कर लौटा है, तो यह हमारा सौभाग्य है,” एक ग्रामीण ने कहा।
इस मौके पर मनोज किशोर की धर्मपत्नी वरुणलता पिंगुवा, पुत्र राजवीर पिंगुवा, पुत्री कस्तूरी पिंगुवा, सन्नी पाट पिंगुवा, जोटेया पाट पिंगुवा सहित बड़ी संख्या में गांव की महिलाएं, पुरुष, युवा और बच्चे उपस्थित थे।