साधारण परिवार की संघर्षशील बेटी ने पाई असाधारण सफलता, पूरे राज्य में बजा चाईबासा का डंका
पूर्व मंत्री पहुंचे रेशमी के घर, दी शुभकामनाएं
Chaibasa Board Topper 2025 (प्रकाश कुमार गुप्ता) : झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) की इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजों ने जैसे ही दस्तक दी, चाईबासा के न्यू कॉलोनी नीमडीह में खुशियों का माहौल छा गया। कारण था संत जेवियर्स गर्ल्स इंटर कॉलेज की मेधावी छात्रा रेशमी कुमारी, जिसने 476 अंक (95.2%) अर्जित कर झारखंड में कॉमर्स स्ट्रीम की टॉपर बनकर इतिहास रच दिया।
एक छोटे शहर की यह बेटी अब पूरे राज्य की प्रेरणा बन गई है। सीमित संसाधनों, आर्थिक कठिनाइयों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच भी रेशमी ने यह सिद्ध कर दिया कि यदि इरादे मजबूत हों, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।
पूर्व मंत्री पहुंचे रेशमी के घर, दी शुभकामनाएं
रेशमी की उपलब्धि की जानकारी मिलते ही पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई स्वयं उनके घर पहुंचे। उन्होंने रेशमी को पुष्पगुच्छ व आर्थिक सहायता भेंट की और उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस मौके पर उनके साथ उनके सहयोगी बिरजू रजक, सुशील शर्मा, राकेश शर्मा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
श्री गागराई ने भावुक होते हुए कहा
“यह केवल चाईबासा नहीं, पूरे झारखंड के लिए गर्व का क्षण है। एक सामान्य परिवार की बेटी ने कड़ी मेहनत और लगन से जो मुकाम हासिल किया है, वह युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।”
शिक्षा पर चिंता, व्यवस्था पर सवाल
पूर्व मंत्री ने राज्य सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि,
“सरकारें शिक्षा को लेकर बड़ी बातें करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर गंभीर प्रयास दिखाई नहीं देते। रेशमी जैसी प्रतिभाओं को समय पर प्रोत्साहन और सहयोग नहीं मिल पाता।”
उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता चिंताजनक है, क्योंकि आज तक कोई भी विधायक या अधिकारी इस प्रतिभाशाली बेटी को शुभकामना देने तक नहीं आया।
रेशमी का सपना: बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई
रेशमी के पिता चाईबासा बस स्टैंड के पास एक छोटी-सी कपड़े की दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं है, फिर भी रेशमी ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को देते हुए कहा,
“मेरे माता-पिता ने हमेशा हौसला बढ़ाया, और स्कूल के शिक्षकों ने हर मोड़ पर मार्गदर्शन दिया। यह सफलता उनकी ही देन है।”
रेशमी आगे बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई करना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता की अपील की है, ताकि वे बिना किसी बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
परिवार खुश, पर भविष्य की चिंता कायम
रेशमी के परिवार में दो बहनें और एक भाई हैं। बड़ी बहन रौशनी बीसीए की पढ़ाई कर रही हैं। पूरा परिवार रेशमी की इस उपलब्धि से खुश तो है, लेकिन भविष्य की शिक्षा और खर्चों को लेकर चिंतित भी है।
अनुशासन और मेहनत बना सफलता की चाबी
रेशमी ने बताया कि परीक्षा की तैयारी के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली थी और पूरे अनुशासन के साथ पढ़ाई में जुटी रहीं। वह अन्य छात्रों को भी यही संदेश देती हैं
“डिजिटल भटकाव से दूर रहो और अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करो।”
प्रेरणा की मिसाल बनी रेशमी
पूर्व मंत्री गागराई ने अंत में कहा कि,
“इस बार कई स्कूलों का रिजल्ट संतोषजनक नहीं रहा, ऐसे में रेशमी जैसी छात्राएं यह संदेश देती हैं कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर सोच साफ हो और मेहनत में दम हो, तो सफलता जरूर मिलती है।”