भैंस का बछड़ा चारा बना, लेकिन बाघिन ने नहीं किया शिकार
Chakulia के बड़ामचाटी गांव में बुधवार को वन विभाग की टीम ने बाघिन जीनत को पकड़ने की कोशिशें कीं। जीपीएस लोकेशन के आधार पर टीम ने जंगल में बाघिन की गतिविधियां ट्रैक कीं और भैंस के बछड़े को चारे के रूप में जंगल में छोड़ा। योजना थी कि जैसे ही बाघिन शिकार करेगी, बेहोश करने वाली गोली से उसे काबू में किया जाएगा। हालांकि, देर शाम तक बाघिन ने बछड़े पर हमला नहीं किया और टीम का प्रयास विफल रहा।
ग्रामीणों में दहशत, बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल बंद
बाघिन के चहलकदमी की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। चियाबांधी गांव के आनंद मार्ग स्कूल को बच्चों की सुरक्षा के लिए बंद कर दिया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीण बाघिन को देखने के लिए बड़ामचाटी फुटबॉल मैदान के पास जमा हो गए। पुलिस और वन विभाग की टीम ने भीड़ हटाने का प्रयास किया, लेकिन दिनभर लोग मौके पर डटे रहे।
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए आवागमन पर प्रतिबंध
घाटशिला अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र ने बाघ प्रभावित क्षेत्र में ग्रामीणों के आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है। चियाबांधी, पंड्राशोली, धधिका और खाड़बंदा गांवों में धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। यह कदम ग्रामीणों और बाघिन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
रेल ट्रैक पार कर चियाबांधी पहुंची बाघिन
बाघिन जीनत ओडिशा के सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान से निकलकर चाकुलिया के जंगलों में पहुंची। मंगलवार शाम मौरबेड़ा जंगल में उसकी लोकेशन मिली, और बुधवार सुबह वह चियाबांधी जंगल में देखी गई। वन विभाग की ओडिशा और झारखंड टीम 24 घंटे बाघिन की गतिविधियों पर नजर रख रही है।
पिंजड़ा गाड़ी लेकर पहुंचे अधिकारी
सिमलीपाल के आरसीसीएफ प्रकाश चंद्र गुगनैनी, सिंहभूम की आरसीसीएफ स्मिता पंकज और जमशेदपुर डीएफओ सबा आलम अंसारी समेत कई अधिकारी बाघिन को पकड़ने की योजना में जुटे हैं। बाघिन को सुरक्षित रखने के लिए पिंजड़ा गाड़ी भी मौके पर लाई गई है। फिलहाल 20 सदस्यों की टीम बाघिन पर नजर बनाए हुए है।
बाघिन ने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया
वन विभाग की जानकारी के अनुसार, बाघिन ने अब तक किसी व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया है। हालांकि, उसकी लगातार लोकेशन बदलने से विभाग को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और बाघ प्रभावित क्षेत्रों में न जाएं।