झारखंड में 18 ठिकानों पर छापेमारी
सबसे ज्यादा फोकस झारखंड के धनबाद जिले पर रहा, जहाँ कोयला खदानों से जुड़े भ्रष्टाचार की लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं।
सूत्रों के अनुसार, बीसीसीएल (Bharat Coking Coal Limited) के आउटसोर्सिंग काम में लगे कई ठेकेदारों के आवास, कार्यालय और गोदामों पर ईडी की विशेष टीमों ने छापे मारे।
सबसे प्रमुख नाम ठेकेदार L. B. Singh का सामने आया है, जिनकी कंपनियों और कारोबारी प्रतिष्ठानों पर विशेष रूप से तलाशी ली गई।
यह भी बताया जा रहा है कि सिंह के आवास पर ईडी अधिकारियों को निर्देश मिलने के बाद प्रवेश में देरी का सामना करना पड़ा, जिसके चलते पूरी कार्रवाई कई घंटे तक चली।
बंगाल में 24 स्थानों पर छापा — कोयला तस्करी नेटवर्क पर निशाना
पश्चिम बंगाल में छापेमारी कार्रवाई दुर्गापुर, पुरुलिया, हावड़ा और कोलकाता के प्रमुख इलाकों में की गई।
यहाँ ईडी की टीमें उन समूहों को निशाना बना रही हैं जो कथित तौर पर कोयला चोरी, अवैध परिवहन, खनन और भंडारण में शामिल थे।
छापेमारी PMLA (Prevention of Money Laundering Act) की धाराओं के अंतर्गत दर्ज किए गए मामलों में की जा रही है।
पश्चिम बंगाल में यह नेटवर्क पिछले कई वर्षों से जांच एजेंसियों के रडार पर था और अनुमान है कि इसकी जड़ें राजनीतिक और कारोबारी गठजोड़ तक फैली हुई हैं।
अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं — पर कई बड़े नाम दायरे में
ईडी के अधिकारियों ने बताया कि अभी तक किसी की आधिकारिक गिरफ्तारी नहीं की गई है।
हालाँकि, शुरुआती जांच में मिले दस्तावेज़ों और डिजिटल डेटा के आधार पर कई बड़े नाम एजेंसी के राडार पर आ गए हैं।
संभावना जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में नोटिस, समन और संभावित गिरफ्तारियों का दौर शुरू हो सकता है।
कैश और जेवर बरामद — वित्तीय गड़बड़ी ‘सैकड़ों करोड़’ की आशंका
छापेमारी में बरामद दस्तावेज़ों से यह संकेत मिलता है कि कोयले से जुड़ी इस कथित तस्करी और भ्रष्टाचार के कारण सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
ईडी का दावा है कि यह नेटवर्क लंबे समय से नकदी के रूप में लेनदेन, हवाला और फर्जी GST बिलिंग का इस्तेमाल कर रहा था।
अधिकारियों का कहना है कि बरामद कैश और गहनों की गिनती तथा मूल्यांकन का काम जारी है, जो अंतिम आंकड़े आने पर और बड़ा हो सकता है।
अभियान का महत्व — प्राकृतिक संसाधनों की लूट पर शिकंजा
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कार्रवाई इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दो राज्यों में फैले एक बड़े क्रॉस-बॉर्डर नेटवर्क के खिलाफ की गई है।
ये छापेमारी उस संकेत का द्योतक है कि केंद्रीय एजेंसियाँ कोयला और अन्य खनिज संसाधनों से जुड़े भ्रष्टाचार को रोकने तथा वित्तीय अपराधों को उजागर करने के लिए ज्यादा सक्रिय होती जा रही हैं।
ईडी अब बरामद दस्तावेज़ों की फॉरेंसिक जांच कर रही है।
साथ ही, बैंक खातों की गतिविधि, मोबाइल डेटा और ईमेल कम्युनिकेशन की डिटेल्स निकाली जा रही हैं, जिससे पूरे नेटवर्क की कड़ियाँ जोड़ी जा सकें।
अगले कुछ दिनों में और छापेमारी की संभावना से भी इनकार नहीं किया गया है।



