जमशेदपुर, 8 दिसंबर : जमशेदपुर पश्चिम के विधायक सरयू राय ने सोनारी कचरा डंप में दोबारा लगी आग को लेकर चिंता जताई है। यह घटना उस खतरनाक स्थिति की याद दिलाती है, जिसने दो साल पहले इलाके को प्रभावित किया था। सोनारी का यह डंपिंग ग्राउंड, जहां आम घरेलू कचरे के साथ-साथ रासायनिक, चिकित्सा और ई-कचरा भी डाला जाता है, अब पूरी तरह से ओवरलोड हो चुका है।
सरयू राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह स्थिति जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की लापरवाही और मिलीभगत का परिणाम है।” उन्होंने बताया कि दो साल पहले सोनारी के निवासियों और उनकी ओर से किए गए विरोध प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय उपाध्याय की कानूनी पहल के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
एनजीटी के आदेश की अवहेलना
संजय उपाध्याय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) में याचिका दायर कर इस मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की थी। उस समय जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनजीटी को कार्रवाई का आश्वासन दिया था और एक योजना भी प्रस्तुत की थी। हालांकि, सरयू राय का कहना है कि दो साल बाद भी स्थितियां सुधरने की बजाय और बिगड़ गई हैं।
जन स्वास्थ्य पर मंडराता खतरा
विधायक ने चेतावनी दी, “अगर इस पर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो हम इस मामले को फिर से एनजीटी में ले जाएंगे। जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के खिलाफ कार्रवाई योजना लागू न करने के लिए अवमानना का मामला दर्ज किया जाएगा।”
राय ने आग की पुनरावृत्ति को गंभीर स्वास्थ्य संकट करार दिया और इसे क्षेत्र के निवासियों के जीवन के लिए खतरनाक बताया। उन्होंने प्रशासन को त्वरित कदम उठाने के लिए कहा, जिससे इस समस्या का स्थायी समाधान किया जा सके।
स्थानीय निवासियों में रोष
सोनारी के निवासियों में भी इस मामले को लेकर आक्रोश है। वे प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि वे जल्द से जल्द इस डंपिंग ग्राउंड को खाली कर, कचरे के निस्तारण के लिए आधुनिक और पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग करें।
सरयू राय की इस पहल ने एक बार फिर प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल खड़ा किया है। अब देखना होगा कि जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।