Independence Day 2025 : पूरे देश के साथ-साथ झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिला के ईचागढ़ और कुकड़ु प्रखंड क्षेत्र में भी स्वतंत्रता दिवस 2025 (Independence Day 2025) बड़े धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। सरकारी दफ्तरों, स्कूल-कॉलेजों, और चौक-चौराहों पर तिरंगा फहराया गया और चारों ओर देशभक्ति का जोश देखने को मिला।
ईचागढ़-कुकड़ु में कहां-कहां हुआ Flag Hoisting
- ईचागढ़ प्रखंड कार्यालय – प्रमुख गुरू पद मार्डी ने तिरंगा फहराया
- ईचागढ़ थाना – थाना प्रभारी बिक्रम आदित्य पांडे
- ए.एन. प्लस टू उच्च विद्यालय, पिलीद – प्राचार्य मिताली
- एलडीएम पब्लिक स्कूल, पिलीद – प्राचार्य लम्बोदर महतो
- माउंट एकेडमी, मिलन चौक – प्राचार्य अरुण कुमार माझी
- कुकड़ु प्रखंड कार्यालय – प्रमुख प्रतिमा बाला सिंह पातर
- तिरूलडीह थाना – थाना प्रभारी अविनाश कुमार
हर जगह बच्चों और शिक्षकों ने देशभक्ति गीत, नृत्य, कविताएं और नाट्य मंचन किया। मंच से “वंदे मातरम” और “जन गण मन” की गूंज ने माहौल को देशभक्ति से भर दिया।

क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस?
15 अगस्त 1947 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है, जब 200 साल की अंग्रेजी गुलामी से आज़ाद होकर भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र (Independent Nation) बना। इस दिन को मनाने का उद्देश्य स्वतंत्रता संग्राम के वीरों को श्रद्धांजलि देना और आने वाली पीढ़ियों को आज़ादी के महत्व से परिचित कराना है।
Flag Hoisting का महत्व
हर साल 15 अगस्त को Flag Hoisting Ceremony सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और गौरव का प्रतीक है। प्रधानमंत्री लाल किले से तिरंगा फहराकर पूरे देश को संबोधित करते हैं, वहीं राज्यों और जिलों में स्थानीय नेता और प्रशासनिक अधिकारी यह जिम्मेदारी निभाते हैं।
तिरंगा फहराते समय इसे सलामी दी जाती है और राष्ट्रगान गाया जाता है, जो हमारे संविधान और लोकतंत्र के प्रति सम्मान का प्रतीक है।

स्वतंत्रता दिवस के कुछ रोचक तथ्य
- भारत में 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता मिली थी।
- तिरंगा झंडा 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था।
- हर साल 15 अगस्त को स्कूल-कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम और देशभक्ति प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं।
- स्वतंत्रता दिवस पर पूरे देश में सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम रहते हैं।
ईचागढ़ और कुकड़ु में आज़ादी का जश्न
स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस बार का जश्न पिछले वर्षों से अधिक उत्साहपूर्ण रहा। बच्चों में देशभक्ति का जोश और माता-पिता में गर्व साफ झलक रहा था।
स्कूल-कॉलेजों में आयोजित Cultural Programs में देशभक्ति गीत, नृत्य और भाषण प्रतियोगिताओं ने माहौल को भावुक और प्रेरणादायक बना दिया।