सरना/आदिवासी धर्म कोड को लेकर JMM का तीखा हमला: BJP सरकार आदिवासियों को हिंदू बनाने की साजिश कर रही है – Budhram Laguri
27 मई से झारखंड भर में विराट धरना प्रदर्शन, राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा ज्ञापन
चाईबासा(प्रकाश कुमार गुप्ता): झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आदिवासियों की धार्मिक पहचान और उनके ऐतिहासिक अधिकारों को लेकर एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार किया है। पार्टी के ज़िला प्रवक्ता बुधराम लागुरी ने आज एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भाजपा सरकार सुनियोजित तरीके से आदिवासियों को सरना/आदिवासी धर्म कोड से वंचित कर उन्हें हिंदू समुदाय में विलीन करने की साजिश रच रही है।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “लड़ के लिया झारखंड, अब लड़ के लेंगे सरना/आदिवासी धर्म कोड।”
इतिहास से छेड़छाड़ का आरोप :-
श्री लागुरी ने बताया कि वर्ष 1872 से लेकर 1951 तक की जनगणनाओं में आदिवासी धर्म को एक अलग और विशिष्ट धर्म के रूप में स्थान दिया गया था। लेकिन 1961 से लेकर अब तक की छह जनगणनाओं (1971, 1981, 1991, 2001 और 2011) में सरना/आदिवासी धर्म को स्वतंत्र रूप से दर्शाने के बजाय “अन्य” कॉलम में डाल दिया गया, जिससे उनकी धार्मिक पहचान धुंधली कर दी गई।
उन्होंने कहा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्मों को विशिष्ट कोड दिए गए हैं, लेकिन आदिवासी धर्म को आज तक वह मान्यता नहीं दी गई, जिसकी वह ऐतिहासिक रूप से हकदार है।
राज्य सरकार ने निभाई ज़िम्मेदारी, केंद्र ने दिखाई उदासीनता :-
प्रवक्ता ने जानकारी दी कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदिवासी समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए विधानसभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराई और एकमत से प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल के माध्यम से केंद्र सरकार को सरना/आदिवासी धर्म कोड को मान्यता देने की सिफारिश भेजी थी। यह कार्य लगभग पांच वर्ष पूर्व किया गया था, लेकिन अब तक केंद्र सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
आदिवासी समाज का अपमान :-
श्री लागुरी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आदिवासी धर्म की विशिष्टता को मिटाकर उन्हें अन्य धर्मों में समाहित करना चाहती है, जो न सिर्फ एक सांस्कृतिक हमला है, बल्कि आदिवासी अस्मिता और आत्म-सम्मान पर चोट है।
राज्यव्यापी आंदोलन की घोषणा :-
झामुमो प्रवक्ता ने ऐलान किया कि इस अन्याय के खिलाफ पार्टी अब चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने बताया कि झामुमो आगामी 27 मई से पूरे झारखंड में विराट धरना प्रदर्शन आयोजित करेगा। जिला स्तर पर आयोजित इस प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा को सौंपा जाएगा, जिसमें सरना/आदिवासी धर्म कोड की मान्यता की मांग की जाएगी।
झामुमो की चेतावनी :-
झामुमो ने साफ शब्दों में कहा है कि यह लड़ाई अब अंतिम चरण में है और यदि केंद्र सरकार आदिवासियों की ऐतिहासिक मांग को नजरअंदाज करती रही, तो झारखंड की जनता निर्णायक आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी।