Jyoti Rani Sinku PhD Achievement (प्रकाश कुमार गुप्ता): पढ़ाई केवल एक आदत या शौक नहीं, बल्कि एक जुनून और साधना है, जिसे निभाने की आवश्यकता होती है। यह सिद्धांत साबित किया है पश्चिमी सिंहभूम के हाटगम्हरिया प्रखंड के जैरपी गांव में जन्मी और सेरेंगसिया में व्याही ज्योति रानी सिंकू ने। उनकी कहानी एक प्रेरणा है, जो यह दर्शाती है कि कठिनाइयों के बावजूद अगर मन में दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
ज्योति रानी ने अपनी शिक्षा की यात्रा चाईबासा जिले के जगन्नाथपुर के रस्सेल राजकीय विद्यालय से शुरू की थी। वहीं से उनका शैक्षिक जीवन शुरू हुआ, लेकिन आज वे डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त कर चुकी हैं। 7 मार्च को, महिला दिवस के ठीक एक दिन पहले, उन्होंने पीएचडी की डिग्री प्राप्त कर यह साबित किया कि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती।
ज्योति की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि खासकर महिला वर्ग और बहुओं के लिए एक प्रेरणा बन गई है। उन्होंने यह संदेश दिया कि पढ़ाई के लिए किसी प्रकार के बड़े संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती, बस आवश्यकता है तो आत्मविश्वास और दृढ़ निश्चय की। ज्योति के पति राजेन्द्र सिंकू, जो एक खदान के गाड़ी चालक हैं और नन-मेट्रिक हैं, ने भी उनकी शिक्षा में सहयोग किया। शुरुआत में, जब ज्योति ने अपने पति से यह कहा कि वह बहुत अधिक पढ़ाई करना चाहती हैं, तो उनके पति ने यह सोचकर समर्थन दिया कि स्नातक तक पढ़ाई कराना मुश्किल नहीं होगा।
इसके बाद, ज्योति ने टाटा कॉलेज से स्नातक किया और फिर रांची विश्वविद्यालय से एमए और एम.फिल की पढ़ाई की। इसके बाद जब उन्होंने पीएचडी करने का फैसला किया, तो एक समय पर उनके पति थोड़ा सोच में पड़ गए, लेकिन उन्होंने कभी भी अपनी पत्नी को पढ़ाई से रोकने का प्रयास नहीं किया। उनका मानना था कि एक महिला की सफलता के पीछे पुरुष का समर्थन और सहयोग भी महत्वपूर्ण होता है।
ज्योति ने राम लखन यादव कॉलेज रांची के मुंडारी भाषा विभाग के प्रोफेसर डॉ. सिकरा तिर्की के निर्देशन में अपनी पीएचडी की शोध की शुरुआत की। उनका शोध विषय था “हो लोक साहित्य में हो नारियों का स्थान”, जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण और सामयिक विषय है। इस शोध के माध्यम से उन्होंने न केवल अपनी शिक्षा का स्तर ऊंचा किया, बल्कि अपने समुदाय की महिलाओं को भी जागरूक किया।
वर्तमान में, ज्योति रानी सदर प्रखंड के कमारहातु में अपने परिवार के साथ रह रही हैं। उनकी इस अद्वितीय उपलब्धि पर मतकमहातु पंचायत की मुखिया जुलियाना देवगम, हो राइटर्स एसोसिएशन पश्चिमी सिंहभूम के अध्यक्ष जवाहरलाल बांकिरा, सचिव कृष्णा देवगम, संगठन सचिव सिकंदर बुड़ीउली, और सदस्य बनमाली तामसोय सहित कई सम्मानित व्यक्तियों ने उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
ज्योति की सफलता यह साबित करती है कि जीवन में कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है, अगर व्यक्ति का हौसला और संकल्प मजबूत हो। उनकी यह यात्रा न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज में महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।