प्रदेश में तीन लाख करोड़ का निवेश
Madhya Pradesh (निर्मला वर्मा) : मध्यप्रदेश को सम्पन्न, समृद्ध, स्वावलंबी और सक्षम राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जोर शोर से जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय भी ले लिया है। विगत आठ माह से वे मध्यप्रदेश में निरंतर औद्योगिक निवेश को बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए वे ग्लोबल समिट और रीजनल कान्क्लेव भी करा चुके हैं। तीसरा ग्लोबल समिट मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में 7 एवं 8 फरवरी को होना है। इसके पूर्व निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री 24 नवम्बर को एक सप्ताह के लिए यूरोप जा रहे हैं। वे इंग्लैंड एवं जर्मनी में विदेशी निवेशकों के साथ-साथ भारतीय निवेशकों को भी मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगे।
प्रदेश में पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, इंफॉर्मेशन टेक्नालॉजी के साथ ही लघु एवं मध्यम कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने की कोशिशें की जा रही हैं। इसके लिए मध्यप्रदेश में पिछले आठ महीनों में उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा से लेकर कोयंबटूर, बैंगलुरू, कोलकाता और मुंबई तक निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश के बड़े जिलों से लेकर सागर और रीवा जैसे छोटे-छोटे जिलों में रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं। जिनमें छोटे-बड़े अनेक उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जाता है। सिंगल विंडो सिस्टम, कस्टमाइज पैकेज, निवेश प्रोत्साहन जैसी सुविधाओं से उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश की ओर आकर्षित करने के प्रयास किए जा रहे हैं तो नए निवेशकों को भी प्रदेश में निवेश करने के लिए सरल और सुगम उद्योग मित्र नीतियां बनायी गयी है। सरकार प्रदेश के हर एक जिले में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटर स्थापित कर चुकी है। हर जिले के कलेक्टर को उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए नोडल अधिकारी बनाया गया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि प्रदेश में निरंतर नया निवेश आ रहा है, इसलिए मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ेगा। प्रदेश में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का क्रम जारी है। दिसम्बर में नर्मदापुरम और शहडोल में भी संभाग स्तरीय कॉन्क्लेव का आयोजन होगा। फरवरी माह में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट आयोजित होगी। जिसमें इंग्लैंड और जर्मनी के निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा। ग्लोबल समिट के पूर्व हर संभाग में रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इन कॉन्क्लेव के फलस्वरूप प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। कम्पनियां बड़े पैमाने पर रोजगार देने को तैयार हैं। आई टी पार्क , एमएसएमई , हेवी इन्डस्ट्री एवं एनर्जी सहित अन्य सेक्टर्स में लगभग तीन लाख करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट आ रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव का कहना है कि हमारा उद्देश्य रोजगार परक उद्योगों की स्थापना करना है जिससे लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। इस सिलसिले में इंग्लैंड और जर्मनी की उनकी यात्रा के महत्वपूर्ण रहने की संभावना है, जिसमें विदेशी उद्योगपतियों और मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को प्रदेश में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने इस अभियान में विपक्ष को भी आमंत्रित किया है। उनका कहना है कि विपक्ष सकारात्मक भूमिका निभाए और अपने इन्वेस्टर्स को लेकर आए।
आगामी 7 दिसंबर को नर्मदापुरम में संभाग स्तरीय इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी। इस कॉन्क्लेव में सभी सेक्टर्स के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है। जिससे आईटी, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, भारी उद्योग, एमएसएमई, लघु कुटीर उद्योग से जुड़े लोग शामिल होंगे। सभी के प्रयासों और उद्योग धंधों के माध्यम से राज्य के लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करने की कोशिशें की जा रही हैं। राज्य सरकार के इन प्रयासों के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं
रोजगार के बेहतर अवसर
किसी भी प्रदेश की खुशहाली तभी संभव है जब वहां रहने वाली जनता सुखी, समृद्ध और प्रसन्न हो। यह तभी संभव है जब प्रदेश में बेहतर आर्थिक वातावरण बने, लोगों को रोजगार के बेहतर अवसर मिलें, युवाओं को अपनी बौद्धिक क्षमता के अनुरूप स्थानीय स्तर पर काम मिलें, उन्हें रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े। इस दिशा में सरकार के ये प्रयास निस्संदेह दिखाई तो दे ही रहे है।
निवेशकों के लिये सरल नीतियां
मध्यप्रदेश सरकार ने उद्योग क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में 4 हजार 190 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है।औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन देने के लिये प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश प्रोत्साहन और कस्टमाइज पैकेज जैसी सुविधाएं प्रदान करने की घोषणाएं भी की गई है। नये निवेशकों के लिए भी सरल और सुगम निवेश प्रक्रिया सुनिश्चित करने की बात की जा रही है।
मध्यप्रदेश में औद्योगिक निवेश
पिछले 8 माह में प्रदेश में उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एवं मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में रोड-शो भी किए गये। इनमें विभिन्न सेक्टर्स में 2 लाख 76 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। कहा जा रहा है कि इससे 3 लाख 28 हजार 670 रोजगार के अवसर सृजित होंगे। इस प्रक्रिया की निरंतरता में 7 और 8 फरवरी 2025 को भोपाल में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का भी आयोजन सरकार कर रही है।
निवेशकों की पहली पसंद बन रहा है म.प्र.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से मध्यप्रदेश न सिर्फ औद्योगिक हब बन रहा है बल्कि हर क्षेत्र में उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त कर रहा है। मध्य प्रदेश में विदेशी निवेशकों को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जर्मनी और लंदन जाने वाले हैं। अपनी यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री विदेशी उद्योगपतियों से मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाओं को लेकर चर्चा करेंगे तथा उन्हें फरवरी में होने वाली इंवेस्टर्स समिट में आमंत्रित करेंगे।
यहां मुख्यमंत्री फ्रेंड्स ऑफ एमपी के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे। यहां सरकार प्रदेश में धार्मिक टूरिज्म की संभावनाओं के अलावा, माइनिंग, आईटी, एनर्जी, फार्मास्युटिकल, ऑटोमोबाइल जैसे तमाम सेक्टरों पर प्रेजेंटेशन देगी और उद्योगपतियों से निवेश को लेकर चर्चा की जाएगी।(विनायक फीचर्स)