Makar Sankranti Festival Jharkhand : मकर संक्रांति यानी टुसू का त्यौहार झारखंड, पश्चिम बंगाल समेत सरायकेला जिला के ग्रामीण ईलाकों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और लोग अपनी जरूरत के हिसाब से सामग्री खरीदारी करते हैं। इधर मकर संक्रांति से पहले शनिवार को सितु साप्ताहिक हाट में लोगों की काफी भीड़ देखी गयी। जहां लोग दुकानों में गुड़, तेल, मिट्टी के बर्तन, रेडीमेड कपड़ा, जूता-चप्पल, समेत मकर संक्रांति के त्यौहार के दौरान इस्तेमाल होने वाली सामाग्री की जमकर खरीदारी की।
मकर पर्व में गुड़ पीठा का है काफ़ी महत्व
मालूम हो कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्र में मकर पर्व ग्रामीणों के लिए महापर्व के रूप में आता है, इसको लेकर लोग एक महीना पहले से ही तैयारी में जुट जाते हैं। मकर पर्व के समय मिट्टी के बर्तन और बांस की टोकरी आदि की बहुत ज्यादा मांग होती है। मकर संक्रांति में गुड़ पीठा की भारी मांग होती है, घर-घर गुड़ पीठ बनता है। लोग इसे ही मकर की प्रमुख मिठाई में पसंद करते हैं। गुड़ पीठा बनाने के लिए मिट्टी के बर्तन की जरूरत होती है। मालूम हो कि इस वर्ष मकर पर्व 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
जहां लोग नदियों में स्नान कर दान पुण्य करेंगे और लगभग एक सप्ताह तक लगने वाले टुसू मेला का लुत्फ उठाएंगे । हालांकि समय के साथ टुसू पर्व पर भी ग्रहण लगने लगा। टुसू स्थापना, टुसू गीत और चौडल नुमा टुसू का प्रचलन अब नहीं के बराबर रह गया है। सिर्फ गुड़ और चावल के गुंडी से बने पीठा और टुसू मेला ही संस्कृति के रूप में बचा हुआ है।