President Droupadi Murmu SaraiKela Visit : सरायकेला नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज कुमार चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के सरायकेला-खरसावां जिले में प्रस्तावित दौरे को ऐतिहासिक एवं दूरगामी प्रभाव वाला बताया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का यह आगमन जिले के सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं बुनियादी ढाँचे के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि यह जिले और पूरे झारखंड के लिए अत्यंत गौरव का विषय है कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन, हमारे ही क्षेत्र से जुड़ी एक सामान्य महिला राष्ट्रपति के रूप में कल 29 दिसंबर को सरायकेला-खरसावां जिले के राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संस्थान राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) में आयोजित 15वें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी। इस अवसर पर राष्ट्रपति महोदया मेधावी विद्यार्थियों को डिग्रियाँ एवं स्वर्ण पदक प्रदान करेंगी तथा दो विशिष्ट हस्तियों को मानद उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का यह दौरा न केवल NIT की शैक्षणिक उत्कृष्टता को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा, बल्कि यह झारखंड को एक उभरते हुए औद्योगिक-शैक्षणिक हब के रूप में देश के विकास के मुख्य प्रवाह से जोड़ने का सशक्त संदेश भी देगा। इससे स्थानीय युवाओं में तकनीकी शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ेगी, रोजगार के अवसर सृजित होंगे तथा नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन मिलेगा।
मनोज कुमार चौधरी ने जिला प्रशासन की तैयारियों की सराहना करते हुए कहा कि सरायकेला-खरसावां प्रशासन ने राष्ट्रपति के आगमन को लेकर गार्ड ऑफ ऑनर, नो-फ्लाई ज़ोन, सघन पुलिस तैनाती, रूट-इंस्पेक्शन एवं सुरक्षा व्यवस्था सहित व्यापक योजना बनाई है। उपायुक्त श्री नीतीश कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लुनायत द्वारा स्वयं सड़कों एवं कार्यक्रम स्थलों का निरीक्षण कर विभिन्न विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करना प्रशंसनीय पहल है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महोदया का यह दौरा केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि क्षेत्र की संस्कृति, परंपरा और लोक कलाओं को राष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का भी सुनहरा अवसर है। इस दौरान जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को चाहिए कि वे राष्ट्रपति महोदया को सरायकेला-खरसावां जिले की विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान से अवगत कराएँ और उसके संरक्षण-संवर्धन के लिए ठोस प्रयास करें।
हालाँकि, मनोज कुमार चौधरी ने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि पूरे आयोजन की रूपरेखा में विश्व प्रसिद्ध सरायकेला शैली की छऊ नृत्य कला को अब तक नजरअंदाज किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरायकेला छऊ नृत्य न केवल जिले की पहचान है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा भी है, जिसे राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष सम्मान प्राप्त है।
उन्होंने सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक मंच के माध्यम से जिला प्रशासन से आग्रह किया कि अंतिम समय में ही सही, लेकिन सरायकेला छऊ शैली को आयोजन में उचित स्थान और सम्मान दिया जाए, ताकि राष्ट्रपति महोदया इस अनमोल लोक कला से रूबरू हो सकें और इसकी पहचान को नई ऊँचाई मिल सके।
अंत में मनोज कुमार चौधरी ने विश्वास जताया कि राष्ट्रपति का यह दौरा सरायकेला-खरसावां जिले के लिए विकास, गौरव और सांस्कृतिक पहचान का नया अध्याय लिखेगा तथा आने वाले समय में यह क्षेत्र शिक्षा, उद्योग और संस्कृति के क्षेत्र में नई मिसाल कायम करेगा।



