Ranchi News : झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren ने राज्य के राजस्व संग्रह को बढ़ाने और नए राजस्व स्रोतों की पहचान करने के लिए अधिकारियों को नए निर्देश दिए हैं। सोमवार को राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिए कि राज्य सरकार विकास कार्यों को तेज़ी से आगे बढ़ाने के साथ-साथ राजस्व संग्रह को भी बढ़ाना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री Hemant Soren ने कहा कि सभी विभागों को मिलकर राजस्व उगाही के कार्यों को गति देनी चाहिए और साथ ही अतिरिक्त राजस्व संग्रहण के नए उपायों को भी खोजना चाहिए। इस प्रक्रिया में विभागों के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि अक्सर समन्वय की कमी के कारण राजस्व संग्रहण में देरी होती है, जिससे लक्ष्य पूरा नहीं हो पाता।
राजस्व प्रबंधन में सुधार की जरूरत
मुख्यमंत्री Hemant Soren ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में राजस्व प्रबंधन को और मजबूत किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व की बर्बादी और स्थापना व्यय को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की बात की। उन्होंने सभी विभागों से कहा कि वे एक्शन प्लान तैयार करें ताकि सभी खामियों को दूर किया जा सके और राज्य के राजस्व संग्रहण को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
बिजनेस मॉडल के रूप में काम करने के लिए एजेंसियों का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री Hemant Soren ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में कई ऐसी एजेंसी, बोर्ड और निगम हैं, जो राजस्व का बेहतर स्रोत बन सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इन्हें बिजनेस मॉडल के रूप में स्थापित किया जाए ताकि वे अपने कार्यों का विस्तार कर सकें और राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सके।
सीएसआर खर्च की निगरानी पर ध्यान
मुख्यमंत्री Hemant Soren ने राज्य में काम कर रही कंपनियों के सीएसआर खर्च की जांच के लिए एक मेकैनिज्म तैयार करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि कई उद्योग और कंपनियां सीएसआर मद से जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन करती हैं, लेकिन राज्य सरकार को इन खर्चों की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती है। इसके लिए एक ऐसी प्रणाली बनाई जाए, जिससे इन खर्चों की निगरानी की जा सके और अधिक राजस्व संग्रहण की संभावनाएं तलाशी जा सकें।
बैठक में थे उच्च अधिकारी
राजस्व संग्रहण और अन्य मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोजित इस उच्चस्तरीय बैठक में मुख्य सचिव अलका तिवारी, अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, वंदना दादेल, एमएस मीणा, सुनील कुमार सहित कई अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित थे।