Traffic Law Awareness Jharkhand (प्रकाश कुमार गुप्ता) : नालसा दिल्ली और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण रांची के निर्देशानुसार, डीएलएसए चाईबासा द्वारा रविवार को जिलास्तरीय मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल (एमएसीटी) पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में मुख्य उद्देश्य मोटर दुर्घटना से पीड़ित परिवारों को समय पर और उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया को सरल बनाना था।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि के रूप में जिला जज प्रथम, सूर्य भूषण ओझा ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) विनोद कुमार ने उपस्थित पुलिस अधिकारियों को एमएसीटी के अंतर्गत विभिन्न प्रक्रियाओं की जानकारी दी।
तकनीकी सत्र में प्राधिकरण के सचिव राजीव कुमार सिंह ने मोटर दुर्घटना कानूनों में हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सड़कों पर दुर्घटनाओं के बाद संबंधित कागजात को समय पर न्यायालय में प्रस्तुत करना आवश्यक है, और यदि ऐसा नहीं होता तो अदालत को सूचित करना अनिवार्य है। उन्होंने थाना प्रभारियों से बेहतर कार्य की अपेक्षाएं जताई और कहा कि यह पुलिस अधिकारियों का कानूनी कर्तव्य है। साथ ही उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के कागजात की डीटीओ से जांच कराना और इंश्योरेंस कंपनी को समय पर सूचना देना महत्वपूर्ण बताया।

मुख्यालय डीएसपी बहमन टूटी ने पुलिस अधिकारियों की महती भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निभानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि चाईबासा जिला में मोटर दुर्घटनाओं की संख्या को घटाना है और जो लोग घायल व्यक्ति को गोल्डन आवर में इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं, उन्हें सरकार की ओर से पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।
कार्यशाला का संचालन सदस्य विकास दोदराजका ने किया, जबकि प्राधिकरण के सचिव राजीव कुमार सिंह ने कार्यशाला का नेतृत्व किया। इस अवसर पर जिला बार संघ के सचिव अगस्टिन कुल्लू, जीपी पवन शर्मा, डीटीओ राजेश एक्का, वरिष्ठ अधिवक्ता सुभाष मिश्र, और अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।