अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद, जमशेदपुर द्वारा विद्यालयों में ‘युद्ध की कहानी–युद्धवीरों की जुबानी’ कार्यक्रम, विद्यार्थियों में भरा देशभक्ति और शौर्य का भाव
कार्यक्रम की शुरुआत प्रेरणादायक पंक्तियों के साथ की गई—
“इतनी सी बात हवाओं को बताए रखना,
रोशनी होगी, चिरागों को जलाए रखना।
लहू देकर जिसकी हिफाजत की है हमने,
उस तिरंगे को भी दिल में बसाए रखना।”
पूर्व सैनिकों ने इन पंक्तियों के माध्यम से बच्चों को देशप्रेम, बलिदान और राष्ट्र के प्रति कर्तव्य का संदेश दिया।

पूर्व सैनिकों ने बताया कि 16 दिसंबर 1971 को भारत ने पाकिस्तान पर ऐतिहासिक विजय प्राप्त की थी। मात्र 14 दिनों (3 से 16 दिसंबर) चले इस युद्ध में भारतीय सेना की सटीक रणनीति, अदम्य साहस और अनुशासन के सामने पाकिस्तान की सेना घुटनों पर आ गई थी। युद्ध के परिणामस्वरूप पाकिस्तानी सेना के 93,000 से अधिक सैनिकों ने भारत के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया, जो विश्व युद्ध इतिहास की एक अभूतपूर्व घटना है। इसी ऐतिहासिक विजय के फलस्वरूप बांग्लादेश का जन्म हुआ और विश्व के नक्शे पर एक नए राष्ट्र का उदय हुआ।
कार्यक्रम के अंतर्गत शहर के लगभग 5 विद्यालयों में पूर्व सैनिकों एवं विद्यालय प्राचार्यों द्वारा विजय संदेश पढ़कर सुनाया गया। इस क्रम में
- आवासी नेताजी सुभाष गोलमुरी में राष्ट्र चेतना सुभाष कुमार,
- किला भारती गोलमुरी में श्री राजीव कुमार,
- संत जोसेफ हाई स्कूल एवं
- ओल्ड बीडीह में संतोष सिंह द्वारा विद्यार्थियों को विजय संदेश पढ़ाया गया और 1971 के युद्धवीरों को नमन किया गया।
अन्य विद्यालयों में संबंधित शिक्षकों द्वारा भी बच्चों को विजय संदेश सुनाकर भारतीय सेना के पराक्रम और बलिदान से परिचित कराया गया।

पूर्व सैनिकों ने कहा कि 1971 का भारत–पाक युद्ध हिंदुस्तानी सेना की वीरता, शौर्य और पराक्रम की अमर कहानी है। यह ऐसा युद्ध था, जिसने न केवल इतिहास रचा बल्कि भूगोल को भी बदल दिया। यह दिन हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है और हमें अपने वीर शहीदों को सदैव स्मरण कर उन्हें नमन करना चाहिए।
अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने जानकारी दी कि 16 दिसंबर को शहीद स्मृति स्थल, गोलमुरी से विजय दिवस के शौर्यमय अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। संगठन का मुख्य उद्देश्य विजय संदेश के माध्यम से युवाओं और विद्यार्थियों में भारतीय सेना के प्रति सम्मान, देशभक्ति और राष्ट्रसेवा की भावना को जीवंत बनाए रखना है।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय परिसर “भारत माता की जय” और “वीर शहीद अमर रहें” के नारों से गूंज उठा, जिससे वातावरण ओज, उत्साह और देशभक्ति से भर गया। विद्यार्थियों ने भी पूरे मनोयोग से कार्यक्रम में भाग लिया और राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले वीरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
विजय दिवस के इस आयोजन ने न केवल इतिहास को जीवंत किया, बल्कि आने वाली पीढ़ी को राष्ट्रप्रेम, साहस और एकता का मजबूत संदेश भी दिया।




