West Singhbhum का मैट्रिक परीक्षा में शर्मनाक प्रदर्शन: BJP युवा मोर्चा ने शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल
“शिक्षा बचाओ – भ्रष्टाचार हटाओ” का नारा, चंद्रमोहन तिऊ ने प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार को बताया जिम्मेदार
चाईबासा(प्रकाश कुमार गुप्ता): झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा घोषित मैट्रिक परीक्षा 2025 के परिणामों में पश्चिमी सिंहभूम जिला पूरे राज्य में सबसे निचले पायदान पर रहा। जिले का पास प्रतिशत मात्र 80.412% रहा, जिसने स्थानीय शिक्षा व्यवस्था की खस्ताहाली को उजागर कर दिया है। इस निराशाजनक स्थिति को लेकर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंद्रमोहन तिऊ ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और राज्य सरकार तथा प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया है।
प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए तिऊ ने कहा कि यह केवल परीक्षा परिणाम नहीं, बल्कि वर्षों से जिले में शिक्षा तंत्र की उपेक्षा, अनियमितताओं और भ्रष्टाचार का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति, शिक्षकों की भारी कमी, डिजिटल संसाधनों का अभाव और प्रशासनिक उदासीनता ने इस दुर्दशा को जन्म दिया है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए चलाई जा रही योजनाएं जैसे PMश्री योजना और जिला खनिज निधि ट्रस्ट (DMFT) के तहत घोषित परियोजनाओं को जिले में गंभीरता से लागू नहीं किया गया। तिऊ ने खुलासा किया कि DMFT फंड के अंतर्गत 40 करोड़ रुपये के टेंडर एक ही कंपनी को बिना पारदर्शिता के दिए गए, जिसकी प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। उन्होंने इसे प्रशासनिक मिलीभगत और सुनियोजित भ्रष्टाचार का परिणाम बताया।
सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि जिले के पांचों विधायक और एकमात्र सांसद, जो सत्तारूढ़ गठबंधन (JMM-कांग्रेस) से हैं, इस मुद्दे पर पूरी तरह मौन हैं। तिऊ ने सवाल किया कि क्या उनकी चुप्पी इस भ्रष्टाचार में मौन समर्थन नहीं दर्शाती?
भाजपा युवा मोर्चा ने इस मामले में तीन प्रमुख मांगें रखी हैं:
- PMश्री योजना और DMFT फंड में हुई अनियमितताओं की स्वतंत्र जांच कराई जाए।
- कम परिणाम वाले विद्यालयों की पहचान कर विशेष संसाधन मुहैया कराए जाएं।
- कमजोर परीक्षा परिणाम के कारणों की गहन जांच की जाए और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो।
चंद्रमोहन तिऊ ने दो टूक कहा, “भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ है। भाजपा युवा मोर्चा यह साफ कर देना चाहता है कि शिक्षा के नाम पर अब लूट नहीं चलने दी जाएगी।”
युवा मोर्चा ने अभियान की शुरुआत करते हुए “शिक्षा बचाओ – भ्रष्टाचार हटाओ” का नारा दिया है और आने वाले दिनों में जनजागरण चलाने की चेतावनी भी दी है।