किसी के जमीन पर योजना किसी ओर के नाम तो कही पुनर्वास के जमीन पर भी हो गया खेल,आखिर कौन हे जिम्मेदार….?
MNREGA Scam In Kukru : भारत सरकार की अत्यंत उपयोगी एवं महत्वकांक्षी कानून मनरेगा, जिसके तहत बेरोजगार ग्रामीणों के हाथों में सौ दिनों का रोजगार देने की गारंटी है। परंतु, इन दिनों मनरेगा कानून के राशि का बंदरबांट खूब हो रहा है। यदि कहा जाए कि योजनाओं की लूट हो रही हैं और घोटालों की मुहिम शुरू की गई हैं तो शायद गलत नहीं होगा। जी हां हम बात कर रहे हैं सरायकेला – खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल की, जहां मनरेगा में अनियमितता और लूट मची हुई हैं। चांडिल अनुमंडल अंतर्गत चार प्रखंड आते हैं, जिसमें से घोटालों की फेरहिस्त में कुकडू प्रखंड अव्वल दर्जा प्राप्त करने के लिए पहली पंक्ति में खड़ी है। कुकडू प्रखंड अंतर्गत संचालित मनरेगा योजनाएं अनियमितता और घोटालों की आकंठ में डूबी हुई हैं। लगभग सभी योजना कागजों पर संचालित हो रहे हैं और कागजों पर ही योजनाएं पूरे हो रहे हैं।
आपके मन में भी यह सवाल जरूर आ रहे होंगे कि आखिर कौन हैं जो सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं की लूट कर रहे हैं और ग्रामीणों को रोजगार तथा सुविधाओं से वंचित रख रहे हैं? बताते चलें कि मनरेगा हो या 15वीं वित्त आयोग की योजनाएं, आखिर संचालन तो प्रखंड व जिला के अधिकारी और सरकारी कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है। ऐसे में जाहिर है कि अनियमितता और घोटाले भी उन्हीं के माध्यम से हो रहे हैं। जिले के आला अधिकारियों से लेकर प्रखंड के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना योजनाओं की लूट संभव ही नहीं है। अनियमितता और घोटालों के ऐसे कारनामें हैं, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। कहीं सड़क तो कहीं तालाब, कहीं भरे तालाब में खुदाई के नाम पर राशि की निकासी तो कही पुनर्वास के जमीन पर खुदाई कर राशियों की निकासी।
एक हाथ में कागजात और दूसरे हाथ पर योजना का स्थल कब होगा ऐसा जांच……….?
उदाहरण के रूप में बताते हैं कि कुकडू प्रखंड अंतर्गत पारगामा में कई ऐसे मनरेगा के योजना हे जिसमें पंचायत से लेकर ब्लॉक तक के जिम्मेदार अधिकारी के कार्य पर बड़ा सवाल उठ रहे हे, यहां पुनर्वास के जमीन को भी बक्सा नहीं गया। पुनर्वास के जमीन होते हुए भी 2,4 सालों में अनगिनत योजना बनाकर योजना के राशि को बंदरबाट किया गया हे।