Mataji Ashram cultural initiative : सरायकेला जिला के जामबनी गांव में माताजी आश्रम की ओर से बच्चों को बंगला भाषा सिखाने हेतु आज 31वां अपुर पाठशाला खोला गया। सुबह 9:30 बजे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार इस पाठशाला का उद्घाटन शंकर चंद्र गोप और जनमेजय सरदार द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
इस अवसर पर सुनील कुमार दे ने सरस्वती वंदना के रूप में संगीतमय प्रस्तुति दी। अतिथियों, विद्यार्थियों और शिक्षकों का स्वागत पूजा महतो ने किया।
कार्यक्रम के दौरान सुनील कुमार दे ने गांव-गांव में अपुर पाठशाला खोलने के उद्देश्य पर प्रकाश डाला और माता-पिता व अभिभावकों से अपने बच्चों को बंगला भाषा सीखने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया। शंकर चंद्र गोप ने जामबनी के ग्रामीणों का आभार जताते हुए बच्चों को बंगला सिखाने के इस पहल की सराहना की।

जनमेजय सरदार ने माताजी आश्रम द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह प्रयास भावी पीढ़ी के लिए एक मजबूत सांस्कृतिक नींव तैयार करेगा। भवतारण मंडल ने कविता और गीत के माध्यम से बच्चों को बंगला भाषा की ओर आकर्षित किया।
इस अवसर पर रविकांत भगत ने इस अभियान में हर संभव सहयोग देने की घोषणा की, जबकि विभीषण महतो ने माताजी आश्रम के प्रयास को प्रशंसनीय बताया। मृणाल पाल ने सभी बंगभाषियों से इस कार्य में सहयोग की अपील की।
पाठशाला में नामांकित 40 से अधिक बच्चों को निःशुल्क वर्ण परिचय पुस्तक प्रदान की गई। प्रथम कक्षा का संचालन शंकर चंद्र गोप ने किया। कार्यक्रम का समापन हिरण महतो के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।
हर रविवार सुबह 9 बजे से कक्षा का संचालन मिनता महतो, मुकुंद महतो, रेणुका महतो और लखिन्दर महतो द्वारा किया जाएगा।
इस अवसर पर नित्यानंद गोस्वामी, बलराम गोप, सनातन महतो, शरत महतो, राजेश महतो, गीता महतो, बिनीता महतो, दीपाली महतो, बालिका महतो, पिंकी महतो, सावित्री महतो, रेणुका महतो सहित क्षेत्र के कई स्कूलों के छात्र-छात्राएं, माताएं, बहनें एवं अभिभावक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन भी सुनील कुमार दे ने किया।