Mumbai : फिल्म मार्केटिंग में 10 साल की सफलता – वरुण गुप्ता की ‘मैक्स मार्केटिंग’ को बॉलीवुड दिग्गजों ने सराहा
Mumbai , 6 अगस्त | ‘कबीर सिंह’ से लेकर ‘आरआरआर’ और ‘एनिमल’ तक – पर्दे के पीछे जादू रचने वाली टीम ‘मैक्स मार्केटिंग’ ने पूरे किए 10 सफल वर्ष। इस रचनात्मक यात्रा के सूत्रधार वरुण गुप्ता और उनकी टीम को देश की फिल्म इंडस्ट्री के नामचीन निर्माता-निर्देशकों ने दिल से बधाई दी है।
पिछले एक दशक में ‘मैक्स मार्केटिंग’ ने खुद को फिल्म मार्केटिंग की दुनिया में एक सशक्त और विश्वसनीय ब्रांड के रूप में स्थापित किया है। उनकी रणनीतियाँ सिर्फ ट्रेंड फॉलो नहीं करतीं – वे ट्रेंड बनाती हैं।
मैक्स मार्केटिंग की सफलता की झलकियां:
‘पैडमैन’, ‘अंग्रेज़ी मीडियम’, ‘दृश्यम 2’, ‘कबीर सिंह’, ‘आरआरआर’, ‘एनिमल’, ‘आर्टिकल 370’, ‘चंदू चैंपियन’ जैसे ब्लॉकबस्टर प्रोजेक्ट्स के प्रचार की कमान इस टीम ने संभाली और हर बार नए प्रयोगों से दर्शकों के दिल तक सीधा रास्ता बनाया।
जानिए किसने क्या कहा:
🔸 कबीर खान (निर्देशक):
“वरुण और मैक्स की टीम की समझ गहरी है। ‘चंदू चैंपियन’ के कैंपेन ने फिल्म की आत्मा को दर्शाने में पूरी मदद की।”
🔸 सूरज बड़जात्या (राजश्री प्रोडक्शंस):
“मैक्स मार्केटिंग एक मास्टरक्लास है! ये टीम ट्रेंड सेट करना जानती है और फिल्मों को नया घर देती है।”
🔸 विशाल भारद्वाज (निर्देशक-संगीतकार):
“भरोसेमंद, इनोवेटिव और हमेशा समय से आगे – वरुण की कल्पनाशीलता टीम की सबसे बड़ी ताकत है।”
🔸 आदित्य धर (निर्देशक):
“’आर्टिकल 370′ की जटिलता के बावजूद वरुण की टीम ने हटकर कैंपेन देकर इसे चर्चा में बनाए रखा।”
🔸 अनुपम खेर (अभिनेता):
“मैक्स मार्केटिंग ने इनोवेशन की सीमाओं को आगे बढ़ाया है।”
🔸 अभिषेक कपूर (निर्देशक):
“फिल्ममेकर के रूप में मैंने इतना सपोर्ट पहले कभी महसूस नहीं किया। टीम क्रिएटिव और रिजल्ट्स पर फोकस्ड है।”
🔸 अतुल अग्निहोत्री (प्रोड्यूसर):
“मैक्स के साथ काम सिर्फ बिजनेस नहीं, एक सच्ची साझेदारी होती है।”
वरुण गुप्ता : पर्दे के पीछे की सोच का चेहरा
‘मैक्स मार्केटिंग’ के संस्थापक वरुण गुप्ता ने हमेशा रचनात्मकता को प्राथमिकता दी। उनका मानना है कि हर फिल्म एक कहानी होती है, जिसे दर्शकों तक पहुंचाने का तरीका उतना ही अहम है, जितना फिल्म बनाना। यही सोच उन्हें भीड़ से अलग करती है।
🎬 प्रमुख उपलब्धियां एक नजर में:
- 10 साल में 150+ फिल्म कैंपेन
- 50 से अधिक सुपरहिट प्रोजेक्ट्स
- सैकड़ों वायरल कैंपेन आइडियाज़
- रचनात्मक नेतृत्व और दर्शकों से सीधा जुड़ाव
निष्कर्ष:
जब फिल्में केवल सिनेमाघरों तक सीमित नहीं रहीं और डिजिटल युग ने प्रचार को भी नया आकार दिया, तब ‘मैक्स मार्केटिंग’ जैसी कंपनियों ने यह साबित किया कि रचनात्मकता और रणनीति के मेल से ही एक फिल्म, एक अनुभव बनती है। वरुण गुप्ता और उनकी टीम को इस दशक की सफलता पर बधाई – और आने वाले वर्षों में और भी ऊंचाइयों को छूने की शुभकामनाएं।
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