Child Rights Protection : बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आज झींकपानी प्रखंड सभागार में एस्पायर गैर-सरकारी संगठन के सौजन्य से प्रखंड स्तरीय बाल अधिकार सुरक्षा मंच का गठन किया गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रखंड के सात पंचायतों के जनप्रतिनिधि, मुण्डा-मानकी, वार्ड सदस्य, युवा वर्ग और शिक्षा प्रेमियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ सीएफ किरण कुमार गोप ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए किया। उन्होंने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया।
बैठक में प्रखंड समन्वयक महेश्वर किसान ने एस्पायर संगठन का परिचय देते हुए बताया कि यह संस्था 2014 से बच्चों के अधिकारों को लेकर कार्यरत है। वर्तमान में यह सिंहभूम जिले के 18 प्रखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जागरूकता के तीन स्तंभों – एक्सेस, लर्निंग और गवर्नेंस – पर कार्य कर रही है।
मंच गठन की प्रक्रिया
बैठक में उपस्थित जिला समन्वयक जी. नरेश ने बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने में समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बाल विवाह, बाल श्रम, बच्चों के पलायन, बंधुआ मजदूरी, और कागजात संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए बाल अधिकार सुरक्षा मंच के गठन को आवश्यक बताया।
जिला बाल अधिकार सुरक्षा मंच के सचिव तरुण सवैया ने प्रखंड स्तरीय मंच की संरचना को स्पष्ट किया और सभी सदस्यों से नि:स्वार्थ भाव से कार्य करने की अपील की।
प्रस्ताव और चयन
बैठक में प्रस्तावों के माध्यम से पदाधिकारियों का चयन किया गया:
- अध्यक्ष: श्री सामु मुंडा
- उपाध्यक्ष: श्री मोरन सिंह तामसोय और श्रीमती सरिता अल्डा
- सचिव: श्री रघुनाथ गोप
- सह-सचिव: श्री गुलशन अल्डा
- सलाहकार: श्री गारदी मुंडा
कार्यकारिणी सदस्यों में प्रखंड के सभी ग्रामीण मुंडा, मानकी, मुखिया, जनप्रतिनिधि, SMC सदस्य, और JSLPS के सदस्य शामिल किए गए।
सुझाव और चर्चा
कार्यक्रम के दौरान उपाध्यक्ष श्री मोरन सिंह तामसोय ने समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। उन्होंने निम्न वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता बताई।
सलाहकार श्री गारदी मुंडा ने अभिभावकों को जागरूक करने और विद्यालयों की समस्याओं को हल करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता बताई।
सचिव श्री रघुनाथ गोप ने झींकपानी प्रखंड के 11 विद्यालयों में शिक्षकों की कमी पर चिंता व्यक्त की और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए अधिकारियों से संवाद करने की आवश्यकता पर बल दिया।
उपाध्यक्ष श्रीमती सरिता अल्डा ने बच्चों के लर्निंग गैप को पूरा करने के लिए प्रखंड में आवासीय पाठ्यक्रम चलाने की बात कही।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और ग्रुप फोटो सत्र के साथ हुआ। उपस्थित प्रतिभागियों ने मंच को सक्रिय और प्रभावी बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों का आश्वासन दिया।