जमशेदपुर : झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच आलू परिवहन पर लगे प्रतिबंध ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को झारखंड के गालूडीह में ग्रामीणों ने सब्जियों से लदे ट्रकों को राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया। इसके जवाब में पश्चिम बंगाल के गांववासियों ने भी झारखंड से आने वाले वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी।
आलू बीज जब्त करने पर भड़के ग्रामीण
गालूडीह के डुमकाकोचा गांव के निवासियों ने राज्य राजमार्ग को जाम कर दिया, जिससे करीब 10 सब्जी-लदे मिनी ट्रक फंस गए। इनमें टमाटर, गोभी, बैंगन, धनिया और पत्तागोभी जैसी सब्जियां थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अगर बंगाल झारखंड में आलू भेजने पर प्रतिबंध लगा सकता है, तो झारखंड में बंगाल से सब्जियों का प्रवेश क्यों हो।
बंगाल में भी हुई जवाबी कार्रवाई
इसके जवाब में, पश्चिम बंगाल के बंडवान पुलिस थाना क्षेत्र के सानी गांव के ग्रामीणों ने झारखंड से आने वाले वाहनों की आवाजाही रोक दी। उन्होंने झारखंड के श्रमिकों को भी बंडवान जाने से मना कर दिया।
पुलिस की मध्यस्थता से खुला जाम
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गालूडीह और बंडवान दोनों स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया। गालूडीह पुलिस स्टेशन के प्रभारी कुमार इंद्रेश ने कहा, “बंगाल से व्यक्तिगत उपयोग के लिए आलू लाने पर कोई रोक नहीं है, प्रतिबंध केवल व्यावसायिक परिवहन पर है। ग्रामीणों को समझाया गया है कि आलू बीज पर कोई प्रतिबंध नहीं है।”
वहीं, बंगाल पुलिस का नेतृत्व बंडवान थाना प्रभारी मोहम्मद मोंताज़ शेख ने किया। पांच घंटे तक चले इस प्रदर्शन से दोनों ओर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस और अधिकारियों की बातचीत के बाद ग्रामीणों ने रास्ता खोला।
विवाद के बाद हालात सामान्य
इस घटना से झारखंड और बंगाल के बीच तनावपूर्ण माहौल बना, लेकिन पुलिस की पहल से हालात सामान्य हो गए। इस विवाद ने सीमावर्ती राज्यों में आपसी व्यापार और संवाद के महत्व को एक बार फिर उजागर किया।