अवैध निर्माण पर कार्रवाई की तैयारी, जनवरी में होगी अगली सुनवाई
जमशेदपुर। झारखंड हाई कोर्ट ने जमशेदपुर में अवैध निर्माणों को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सख्त रुख अपनाया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इस मामले से जुड़े 24 भवन मालिकों को प्रतिवादी बनाते हुए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने इन सभी को एक महीने के भीतर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी।
अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि अवैध निर्माण की पुष्टि होती है तो इन इमारतों को तोड़ दिया जाएगा। याचिकाकर्ता राकेश कुमार झा ने जनहित याचिका में आरोप लगाया कि जमशेदपुर में 1800 से अधिक अवैध निर्माण हुए हैं, जिनमें कई पार्किंग स्थलों का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने कोर्ट को बताया कि अक्षेस (अधिसूचित क्षेत्र समिति) के अधिकारियों की मिलीभगत से ये अवैध निर्माण हुए हैं। कोर्ट ने अधिकारियों को भी प्रतिवादी बनाने और भवनों को चरणबद्ध तरीके से जांचने का निर्देश दिया।
वन भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर की तैयारी
चतरा। प्रतापपुर वन क्षेत्र में वन भूमि पर अतिक्रमण के मामले में भी कार्रवाई तेज हो गई है। वन अधिकारियों ने झोपड़ियों पर बुलडोजर चलाने की योजना बनाई है, जो अवैध कब्जे के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
प्रतापपुर वन क्षेत्र पदाधिकारी अजीत राम ने बताया कि कसमार, गोमे, बराटपुर समेत कई गांवों में हजारों एकड़ वन भूमि पर अवैध कब्जा है। न्यायालय के आदेश पर 100 से अधिक अतिक्रमणकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
वन विभाग की सख्ती, गिरफ्तारी अभियान की चेतावनी
वन विभाग ने अतिक्रमणकारियों से अपील की है कि वे स्वेच्छा से वन भूमि खाली कर दें, अन्यथा उनके खिलाफ गिरफ्तारी अभियान चलाया जाएगा। वन विभाग ने कहा कि यदि अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा।
निष्कर्ष
जमशेदपुर और चतरा में अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन और न्यायपालिका ने सख्त कदम उठाए हैं। आने वाले समय में इन मामलों में बड़ी कार्रवाई होने की संभावना है।