हाथी ने तोड़ा घर, बाल-बाल बचे परिजन — दहशत में जी रहे ग्रामीण
Ichaghar (सरायकेला-खरसवां)। कुकड़ु प्रखंड अंतर्गत चुनचुरिया टोला जामडीह गांव में बुधवार देर रात एक बेकाबू हाथी ने जमकर तांडव मचाया। जंगल से भटककर गांव में घुसे इस हाथी ने ग्रामीण प्रदीप सिंह के घर को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। सौभाग्यवश, परिवार के सभी सदस्य किसी तरह घर से भागकर जान बचाने में सफल रहे।
हाथी ने घर में रखे धान, आलू और चावल को खा लिया, और अन्य दो घरों की दीवारों को भी आंशिक रूप से नुकसान पहुंचाया। गांव में हाथियों के बार-बार हमले से ग्रामीणों में भय का माहौल है। वे अपने ही घरों में खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि आसपास के जंगलों में हाथियों का झुंड लगातार डेरा डाले हुए है, जो शाम ढलते ही गांव की ओर रुख करता है। खेतों में लगी सब्जियां और घरों में रखा अनाज हाथियों का आसान शिकार बन रहे हैं।
इस घटना में पीड़ित प्रदीप सिंह ने बताया कि रात में परिवार के साथ भोजन के बाद वह सो रहे थे, तभी अचानक हाथी ने घर पर हमला कर दिया। “हम किसी तरह भागकर अपनी जान बचा पाए। घर पूरी तरह टूट चुका है और अब हमारे पास रहने को दूसरा स्थान भी नहीं है,” उन्होंने दुख प्रकट किया।
ग्रामीणों ने वन विभाग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि विभाग की ओर से अब तक कोई सहायता या उचित कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़ित परिवार ने हाथियों को भगाने और मुआवजा देने की मांग की है।
एक तरफ जहां लगातार भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर रखा है, वहीं दूसरी ओर हाथियों का बढ़ता आतंक ग्रामीणों के लिए दोहरी मार बन गया है। डर का आलम यह है कि लोग रात को नींद तक नहीं ले पा रहे हैं।
ग्रामीणों की मांग:
वन विभाग तत्काल हाथियों को नियंत्रित करे
पीड़ितों को समुचित मुआवजा मिले
प्रभावित गांवों में वन विभाग की निगरानी बढ़े