Kukru MGNREGA Scam : भारत सरकार की अत्यंत उपयोगी एवं महत्वकांक्षी कानून मनरेगा, जिसके तहत बेरोजगार ग्रामीणों के हाथों में सौ दिनों का रोजगार देने की गारंटी है। उसी तरह से झारखंड में 15वीं वित्त आयोग की निधि से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य किए जा रहे हैं। परंतु, इन दिनों मनरेगा कानून तथा 15वीं वित्त आयोग के राशि का बंदरबांट खूब हो रहा है। यदि कहा जाए कि योजनाओं की लूट हो रही हैं और घोटालों की मुहिम शुरू की गई हैं तो शायद गलत नहीं होगा। जी हां हम बात कर रहे हैं सरायकेला – खरसावां जिले के चांडिल अनुमंडल की, जहां मनरेगा तथा 15वीं वित्त आयोग में अनियमितता और लूट मची हुई हैं। चांडिल अनुमंडल अंतर्गत चार प्रखंड आते हैं, जिसमें से घोटालों की फेरहिस्त में कुकडू प्रखंड अव्वल दर्जा प्राप्त करने के लिए पहली पंक्ति में खड़ी है। कुकडू प्रखंड अंतर्गत संचालित योजनाएं अनियमितता और घोटालों की आकंठ में डूबी हुई हैं। लगभग सभी योजना कागजों पर संचालित हो रहे हैं और कागजों पर ही योजनाएं पूरे हो रहे हैं।
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आपके मन में भी यह सवाल जरूर आ रहे होंगे कि आखिर कौन हैं जो सरकार के महत्वकांक्षी योजनाओं की लूट कर रहे हैं और ग्रामीणों को रोजगार तथा सुविधाओं से वंचित रख रहे हैं? बताते चलें कि मनरेगा हो या 15वीं वित्त आयोग की योजनाएं, आखिर संचालन तो प्रखंड व जिला के अधिकारी और सरकारी कर्मचारियों द्वारा ही किया जाता है। ऐसे में जाहिर है कि अनियमितता और घोटाले भी उन्हीं के माध्यम से हो रहे हैं। जिले के आला अधिकारियों से लेकर प्रखंड के कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना योजनाओं की लूट संभव ही नहीं है। अनियमितता और घोटालों के ऐसे कारनामें हैं, जिसे सुनकर आप भी चौंक जाएंगे। कहीं सड़क तो कहीं तालाब, कहीं बागवानी तो कहीं कुआं खुदाई के नाम पर लूट हो रही हैं।
उदाहरण के रूप में बताते हैं कि कुकडू प्रखंड अंतर्गत पारगामा पंचायत में नरेगा योजना के राशि को बड़े ही पैमाने में लुट किया जा रहा, यहां लाभुक के बिना जानकारी,गलत भूमि सत्यापन के जरिए ही भुगतान प्राप्त कर रहे हे,ओर लगातार पंचायत से लेकर प्रखंड तक के जिम्मेदार अधिकारी बिना जांच के ही भुगतान कर रहे हे।