Manmohan Singh Funeral Controversy : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस ने इसे “महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री का अपमान” बताया है। वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस का आरोप:
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “भारत माता के महान सपूत और सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी का निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार कर वर्तमान सरकार ने उनका अपमान किया है।” उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के दौर में भारत आर्थिक महाशक्ति बना और उनकी नीतियां आज भी गरीबों और पिछड़े वर्गों का सहारा हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि सरकार को इस मामले में अधिक संवेदनशीलता दिखानी चाहिए थी।
AAP का हमला:
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर होता आया है, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह को यह सम्मान नहीं दिया गया। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या भाजपा सरकार सिख समुदाय के इस महान नेता के लिए 1000 गज की जमीन भी नहीं दे सकी?”
BJP का पलटवार:
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, “कांग्रेस मनमोहन सिंह के निधन पर राजनीति कर रही है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कांग्रेस ने जीते-जी मनमोहन सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया।” केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास अपने नेताओं को अपमानित करने का रहा है।
सरकार का पक्ष:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए उचित स्थान आवंटित किया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
कांग्रेस का दावा:
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि अंतिम संस्कार में असम्मान और कुप्रबंधन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि परिवार के सदस्यों और आम जनता को जगह के लिए संघर्ष करना पड़ा।
क्या है विवाद की जड़?
1. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया, जबकि पूर्व प्रधानमंत्रियों के अंतिम संस्कार अधिकृत समाधि स्थलों पर होते रहे हैं।
2. कांग्रेस और AAP इसे सिख समुदाय और डॉ. सिंह का अपमान बता रही हैं।
3. BJP ने इसे कांग्रेस द्वारा मुद्दे का राजनीतिकरण बताया।
क्या होगा आगे?
यह मामला अब राजनीति का केंद्र बन गया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इसे सरकार की असंवेदनशीलता बता रहे हैं, जबकि भाजपा इसे विपक्ष की राजनीति करार दे रही है। इस मुद्दे पर आने वाले दिनों में और विवाद बढ़ने की संभावना है।