पोषण माह और स्वास्थ्य योजनाओं की हुई समीक्षा, कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाई गई
बहरागोड़ा:सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बहरागोड़ा में मंगलवार को जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सह नोडल अधिकारी डॉ. मृत्युंजय धाउड़िया की अध्यक्षता में सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों और एएनएम के साथ समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में पोषण माह (10 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025) के तहत आयोजित होने वाली गतिविधियों की जानकारी दी गई।
डॉ. धाउड़िया ने टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच, एनसीडी (गैर-संक्रामक रोग), कुष्ठ रोग और एनीमिया मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की। उन्होंने स्वास्थ्य योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए।
चर्मरोग जांच शिविर में मिले नए मरीज
समीक्षात्मक बैठक के बाद चर्मरोग जांच शिविर का आयोजन किया गया। जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. राजीव लोचन महतो ने 23 संदिग्ध मरीजों की जांच की, जिसमें से 2 नए कुष्ठ रोगियों की पुष्टि की गई। इन रोगियों को नि:शुल्क एमडीटी (मल्टी ड्रग थेरेपी) दवाएं उपलब्ध कराई गईं।
डॉ. महतो ने कुष्ठ रोग के लक्षण और उपचार के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि शरीर पर किसी प्रकार के दाग या दाग में सुनापन महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। यह बैक्टीरिया जनित रोग है और इसका इलाज सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में नि:शुल्क किया जाता है।
कुष्ठ रोग से दिव्यांगता रोकने पर जोर
डॉ. महतो ने मरीजों को सेल्फ केयर के महत्व को समझाते हुए बताया कि नियमित देखभाल से कुष्ठ रोग से होने वाली दिव्यांगता को रोका जा सकता है। उन्होंने रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जानकारी देते हुए कहा कि सर्जरी से दिव्यांगता को ठीक किया जा सकता है। सहियाओं को कुष्ठ विभाग से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि और एमसीआर चप्पल व सेल्फ केयर किट के उपयोग के बारे में भी जानकारी दी गई।
शिविर में मौजूद अधिकारी और कर्मचारी:
शिविर में प्रखंड लेखा प्रबंधक श्याम महापात्रा, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक दुर्गा उरांव, एमपीडब्ल्यू चंदन कुमार मन्ना, डेमियन फाउंडेशन के दुर्योधन बागती और संजय चटर्जी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
यह आयोजन न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा के लिए अहम था, बल्कि कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता फैलाने और इसके प्रभावी उपचार के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हुआ।