लोहा और स्टील निर्माण प्रक्रियाओं में सस्टेनेबल तकनीकों का उपयोग बढ़ाने के लिए हुआ समझौता
नई दिल्ली : भारतीय स्टेट ओनड स्टील कंपनी, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने गुरुवार को John Cockerill ग्रुप की भारतीय शाखा के साथ एक महत्वपूर्ण साझेदारी की घोषणा की है। इस साझेदारी का उद्देश्य लोहे और स्टील निर्माण प्रक्रियाओं में ग्रीन तकनीकों का उपयोग बढ़ाना है। यह समझौता इस दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि SAIL पारंपरिक लोहा और स्टील बनाने के तरीकों को नई, अधिक सस्टेनेबल और उन्नत तकनीकों के साथ बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्रीन स्टील और कार्बन स्टील पर ध्यान
इस समझौते के तहत, मुख्य ध्यान कार्बन स्टील के लिए कोल्ड रोलिंग और प्रोसेसिंग, ग्रीन स्टील, और सिलिकॉन स्टील पर दिया जाएगा, विशेष रूप से CRGO (कोल्ड रोल्ड ग्रेन ओरिएंटेड) और CRNO (कोल्ड रोल्ड नॉन-ओरिएंटेड) स्टील्स पर। SAIL ने एक बयान में कहा कि इस साझेदारी का उद्देश्य उन्नत स्टील निर्माण तकनीकों को शामिल करके कार्यक्षमता और स्थिरता को बढ़ाना है।
स्थिरता और ग्रीन भविष्य की दिशा में कदम
SAIL अपनी संचालन प्रक्रियाओं को एक गतिशील बाजार की मांगों के अनुसार संरेखित कर रहा है और एक हरित, अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान देने की दिशा में काम कर रहा है। इस साझेदारी के माध्यम से कंपनी अपने उत्पादन में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए समर्पित है।
SAIL की वित्तीय स्थिति
हालांकि, SAIL के लिए यह समझौता सकारात्मक कदम है, कंपनी ने सितंबर तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में 31% की गिरावट दर्ज की है, जो ₹897.15 करोड़ तक आ गया है। इस गिरावट का कारण कम आय बताया गया है, लेकिन कंपनी अपने भविष्य के विकास के लिए इस ग्रीन टेक्नोलॉजी को एक महत्वपूर्ण दिशा मानती है। यह साझेदारी SAIL के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उसे उन्नत और टिकाऊ स्टील निर्माण तकनीकों के जरिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने में मदद करेगी। ग्रीन स्टील के उत्पादन में वृद्धि और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम है।