Seraikela-Kharsawan elephant attack : सरायकेला-खरसावां जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन जंगली हाथियों के गांवों की ओर रुख करने से ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है। इस क्रम में कुकड़ू प्रखंड अंतर्गत लेटेमदा गांव में जंगली हाथी के हमले से एक ग्रामीण की दर्दनाक मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल बन गया है।
मृतक की पहचान लेटेमदा निवासी गौरांग महतो उर्फ बुका महतो के रूप में की गई है। जानकारी के अनुसार यह घटना रविवार की भोर लगभग 3 से 4 बजे के बीच हुई, जब जंगली हाथी गांव में प्रवेश कर गया और बुका महतो को कुचल दिया। घटना इतनी अचानक हुई कि ग्रामीण कुछ समझ पाते, उससे पहले ही हाथी जंगल की ओर लौट गया।
बताया जा रहा है कि इससे एक दिन पूर्व यानी 25 दिसंबर की अहले सुबह नीमडीह प्रखंड के हुंडरु पाथरडीह निवासी कोकिल सिंह पर भी जंगली हाथियों के झुंड ने हमला कर दिया था, जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। लगातार हो रही इन घटनाओं ने वन विभाग की कार्यप्रणाली और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
घटना की सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित हो गए और प्रशासन व वन विभाग के प्रति नाराजगी जाहिर की। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में जंगली हाथियों की आवाजाही लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद न तो हाथियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए गए और न ही गांवों की सुरक्षा के लिए स्थायी व्यवस्था की गई।
ग्रामीणों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मामले की जानकारी जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो को दी। सूचना मिलते ही उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए वन विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया। जिला परिषद उपाध्यक्ष ने चांडिल रेंजर और फॉरेस्टर से बातचीत कर मृतक के परिजनों को नियमों के अनुसार शीघ्र मुआवजा राशि का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। साथ ही, उन्होंने क्षेत्र में हाथियों के उत्पात को रोकने के लिए आवश्यक अग्रतर कार्रवाई जल्द पूरी करने को कहा।
मधुश्री महतो ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना अत्यंत दुखद है और प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से हाथियों की गतिविधियों पर नियंत्रण और ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
इधर, ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों की निगरानी बढ़ाने, अलर्ट सिस्टम मजबूत करने, रात्रि गश्त और हाथी भगाने वाले दस्तों की तैनाती की मांग की है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
विस्तृत खबर के लिए जुड़े रहें, यह समाचार संक्षिप्त है।



