टोंटो और हाटगम्हरिया प्रखंड में डीएमएफटी योजना के तहत कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास
Tonto Hatgamharia Development Projects (प्रकाश कुमार गुप्ता) : चाईबासा विधानसभा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को नई दिशा देने के उद्देश्य से शनिवार को कैबिनेट मंत्री दीपक बिरुवा ने टोंटो और हाटगम्हरिया प्रखंड में डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) योजना के तहत विभिन्न सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण योजनाओं का विधिवत शिलान्यास किया। सभी योजनाओं का उद्घाटन पारंपरिक रीति से पूजा-अर्चना और नारियल फोड़कर किया गया।
इन योजनाओं में टोंटो प्रखंड अंतर्गत चाईबासा-रोआम मुख्य मार्ग से गोतोमपी होते हुए समाबासा तक पीसीसी (पक्की सीमेंट कंक्रीट) सड़क का निर्माण शामिल है। वहीं, हाटगम्हरिया प्रखंड के जामडीह पंचायत स्थित छोटा फुंसियां बेड़ाहातू में पुलिया, बड़ा पुंसिया से मृगलिंडी सीमा तक आरआईओ रोड पर पीसीसी सड़क, कोचड़ा पंचायत अंतर्गत बकुली दियूरीसाई टोला से महाबुरुबासा तक पीसीसी सड़क तथा कुईड़ा में अंकुरा बासा तक पक्की सड़क का निर्माण प्रस्तावित है।
इन योजनाओं की जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों में खासा उत्साह देखा गया। लोगों ने खुशी जाहिर करते हुए सरकार की पहल की सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री दीपक बिरुवा ने कहा कि, “सड़क और पुल-पुलिया किसी भी क्षेत्र के लिए जीवन रेखा की तरह होती हैं। इनके माध्यम से न केवल आवागमन की सुविधा बेहतर होती है, बल्कि स्थानीय व्यापार, रोजगार और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी नई संभावनाएं जन्म लेती हैं।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। क्षेत्र में बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल और सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं को सशक्त बनाने के लिए योजनाएं तेजी से क्रियान्वित की जा रही हैं। मंत्री ने संबंधित विभागीय अधिकारियों और निर्माण एजेंसियों को कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और निर्धारित समय सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर हाटगम्हारिया जिला परिषद सदस्य प्रमिला पिंगुआ, जुडिया सिंकु, बलवंत गोप, टोंटो जिप सदस्य राज नारायण तुबिद, फुलेंद्र महतो, मुन्ना सुंडी सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं झामुमो कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इस शिलान्यास समारोह ने स्पष्ट कर दिया है कि चाईबासा क्षेत्र अब विकास की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार है। आने वाले समय में इन योजनाओं के पूर्ण होने से न केवल ग्रामीणों को आवागमन की सुविधा मिलेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।