UPI BIG UPDATE : डिजिटल पेमेंट के सबसे पॉपुलर प्लेटफॉर्म UPI में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। National Payments Corporation of India (NPCI) ने ‘Collect Request’ फीचर को पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया है। यह नया नियम 1 अक्टूबर 2025 से लागू होगा, जिसका असर PhonePe, Google Pay, Paytm जैसे सभी बड़े UPI Apps पर दिखेगा।
क्यों लिया गया ये फैसला?
‘Collect Request’ फीचर कई सालों से पियर-टू-पियर (P2P) पेमेंट मांगने के लिए यूज़ होता था, लेकिन Cyber Fraudsters ने इसका गलत इस्तेमाल शुरू कर दिया। लोग फर्जी पेमेंट रिक्वेस्ट भेजकर यूजर्स से ठगी करने लगे।
इसी को रोकने के लिए NPCI ने 29 जुलाई 2025 को सभी बैंकों और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को सर्कुलर जारी कर यह फीचर बंद करने का आदेश दिया।
क्या होगा बदलाव?
1 अक्टूबर से P2P Collect Request पूरी तरह बंद हो जाएगी।
अब यूजर्स को पेमेंट करने के लिए खुद QR Code Scan करना होगा या Self-Initiated Payment करनी होगी।
इससे Unwanted Requests और ठगी के केस काफी हद तक खत्म हो जाएंगे।
पहले भी हुए थे कदम
NPCI ने 2019 में इस फीचर के दुरुपयोग को रोकने के लिए लिमिट लगाई थी –
- प्रति ट्रांजेक्शन ₹2,000 की सीमा
- एक दिन में अधिकतम 50 सफल कलेक्ट रिक्वेस्ट
इसके बावजूद Cyber Criminals नई-नई ट्रिक्स अपनाकर लोगों को टारगेट करते रहे। RBI के डेटा के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में डिजिटल पेमेंट फ्रॉड दोगुने होकर 29,000 केस तक पहुंच गए, जिनमें ₹1,457 करोड़ की रकम शामिल थी।
आम यूजर्स पर कितना असर?
UPI ट्रांजेक्शन में Collect Request का हिस्सा केवल 3% है, यानी रोज़ाना की पेमेंट में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
- Amazon, Flipkart, Swiggy, IRCTC जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर मर्चेंट पेमेंट पहले की तरह चलते रहेंगे।
UPI की बढ़ती ताकत
UPI आज भारत का सबसे बड़ा डिजिटल पेमेंट सिस्टम बन चुका है।
- 400 मिलियन से ज्यादा यूजर्स
- जुलाई 2025 में 1,946 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन
2 अगस्त को डेली ट्रांजेक्शन 700 मिलियन पार