कड़ाके की ठंड में सैकड़ों बेसहारा लोगों के लिए देवदूत बनी Voice of Humanity, शहर के अलग-अलग इलाकों में देर रात तक चला सेवा अभियान
Voice of Humanity winter relief drive : शहर में लगातार बढ़ती ठंड और गिरते तापमान के बीच मानवता की मिसाल पेश करते हुए युवाओं की सामाजिक संस्था वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी ने एक सराहनीय पहल की। संस्था की ओर से आधी रात तक शहर की सड़कों और फुटपाथों पर खुले आसमान के नीचे जीवन गुजारने वाले सैकड़ों असहाय, गरीब, बुजुर्गों और बच्चों के बीच कंबल व स्वेटर का वितरण किया गया। इस मानवीय प्रयास से ठंड से ठिठुर रहे जरूरतमंदों को बड़ी राहत मिली और उनके चेहरों पर मुस्कान लौट आई।
यह सेवा अभियान साकची, कदमा, सोनारी, बिष्टुपुर, जुगसलाई, सिदगोड़ा, टेल्को, मानगो, डिमना, स्टेशन क्षेत्र, परसुडीह और बारीडीह सहित शहर के विभिन्न इलाकों में घूम-घूम कर चलाया गया। देर रात तक सक्रिय रही संस्था की टीम ने उन लोगों तक सहायता पहुंचाई, जो ठंड की रातों में सबसे अधिक असुरक्षित रहते हैं।
कंबल और स्वेटर पाकर जरूरतमंदों की आंखों में उम्मीद और चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। कई बुजुर्गों और बच्चों ने संस्था के इस प्रयास के लिए धन्यवाद दिया और इसे उनके लिए जीवनदायिनी पहल बताया।

संस्था के संस्थापक हरि सिंह ने बताया कि हर वर्ष कड़ाके की ठंड के कारण शहर में कई लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इसी गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी ने यह अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि यह सेवा कार्य केवल एक दिन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे सर्दी के मौसम में लगातार जारी रहेगा, ताकि इस साल ठंड की वजह से किसी भी जरूरतमंद की जान न जाए।
इस मानवीय अभियान में हरी सिंह राजपूत, संदीप, गगनदीप, मोहित, रौनक, महेश, बबलू, आशीष, सत्यम, अभिषेक, विकास, गुरमीत, रोहित, रौशन, सोहन सहित संस्था के कई अन्य युवा सदस्य सक्रिय रूप से शामिल रहे। सभी ने देर रात तक सड़कों पर घूमकर सेवा कार्य को अंजाम दिया और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई।
वॉइस ऑफ ह्यूमैनिटी का यह प्रयास न केवल जरूरतमंदों के लिए राहत का कारण बना, बल्कि समाज के अन्य लोगों के लिए भी एक प्रेरणा है कि अगर हर व्यक्ति थोड़ा सा सहयोग करे, तो ठंड जैसी आपदाओं में किसी की जान नहीं जाएगी। शहरवासियों ने संस्था की इस पहल की सराहना करते हुए ऐसे अभियानों को समर्थन देने की अपील की है।



