Jamshedpur । Tata Steel सेंट्रल कैंटीन मैनेजमेंट कमेटी (सीसीएमसी) की मंगलवार को हुई बैठक में कर्मचारियों को मिलने वाली कैंटीन सब्सिडी को बंद करने का प्रस्ताव पेश किया गया। यह प्रस्ताव मैनेजमेंट की ओर से रखा गया, जिसमें कहा गया कि चालू वित्तीय वर्ष में कैंटीन संचालन पर कुल 69 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसमें से 45 करोड़ रुपये की सब्सिडी कंपनी ने वहन की है, जबकि 24 करोड़ रुपये खाने के सामान की बिक्री पर खर्च हुए हैं। अब कंपनी ने इस सब्सिडी को समाप्त करने का सुझाव दिया है, जिस पर अंतिम फैसला अगली बैठक में लिया जाएगा।
सीसीएमसी में मैनेजमेंट और यूनियन के बीच चर्चा
बैठक के दौरान टाटा वर्कर्स यूनियन के सहायक सचिव और सीसीएमसी के वाइस चेयरमैन नितेश राज ने इस प्रस्ताव पर बाद में चर्चा करने की बात कही। हालांकि, मैनेजमेंट ने जोर देकर कहा कि कैंटीन सब्सिडी जैसे निर्णय सीसीएमसी में ही लिए जाते हैं और इसे टाला नहीं जा सकता।
मैनेजमेंट ने यह भी स्पष्ट किया कि वेज रिवीजन समझौते के दौरान कैंटीन से जुड़े किसी फैसले को शामिल नहीं किया गया है। यह बताया गया कि कैंटीन रेट में पिछली बार बढ़ोतरी 2009, 2014 और 2020 में सीसीएमसी की बैठक के जरिए की गई थी।
45 करोड़ की सब्सिडी खत्म करने का प्रस्ताव
चालू वित्तीय वर्ष में कंपनी ने कैंटीन संचालन में 45 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की है। मैनेजमेंट का कहना है कि इस राशि का पुनर्मूल्यांकन करना जरूरी है। कैंटीन सब्सिडी को बंद करने का प्रस्ताव इसी दिशा में एक कदम है।
यूनियन के सामने चुनौती
टाटा वर्कर्स यूनियन इस प्रस्ताव को लेकर क्या रुख अपनाएगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। सब्सिडी समाप्त होने से कर्मचारियों को कैंटीन सेवाओं पर अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ सकता है।
अगली बैठक में होगा निर्णय
कैंटीन सब्सिडी को लेकर अंतिम निर्णय सीसीएमसी की अगली बैठक में लिया जाएगा। कर्मचारियों और मैनेजमेंट के बीच इस मुद्दे को लेकर चर्चा और बढ़ सकती है।