Indian Economy की सेहत पर बड़ा ऐलान
नए साल से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने देशवासियों को राहतभरी खबर दी है। आरबीआई ने अपनी मासिक रिपोर्ट में बताया है कि घरेलू खपत, खाद्यान्न उत्पादन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रदर्शन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 2024-25 की दूसरी तिमाही में गति मिलेगी। इसके साथ ही, सरकारी खर्च और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश भी आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगे।
घरेलू खपत से अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
आरबीआई के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती का मुख्य कारण घरेलू खपत में वृद्धि है। नवंबर 2023 में खुदरा महंगाई दर में गिरावट (5.48 प्रतिशत) ने भी इस सकारात्मक बदलाव में भूमिका निभाई है। इसके साथ ही, रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। लॉजिस्टिक्स, ईवी, एग्रीकल्चर, ई-कॉमर्स और एग्रोकेमिकल जैसे क्षेत्रों का समर्थन अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे रहा है।
सितंबर तिमाही बनी चुनौती, लेकिन भविष्य बेहतर
आरबीआई की रिपोर्ट में यह भी स्वीकार किया गया कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में विकास दर धीमी रही। जुलाई-सितंबर 2023 की जीडीपी 5.4 प्रतिशत थी, जो सेंट्रल बैंक के 7 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम थी। यह पिछले दो सालों की सबसे धीमी दरों में से एक थी। हालांकि, रिपोर्ट का मानना है कि अब अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत मिलने शुरू हो गए हैं।
बजट से जुड़ी बड़ी उम्मीदें
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले बजट में आम लोगों की उम्मीदें केंद्रित होंगी। सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़ाने और नई नीतियों के जरिए निवेश को प्रोत्साहित करने से अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने की संभावना है।
वैश्विक परिस्थितियों और महंगाई बनी चुनौती
वैश्विक स्तर पर बढ़ती चुनौतियों और महंगाई को लेकर आरबीआई ने चेतावनी भी दी है। हालांकि, घरेलू स्तर पर सकारात्मक पहलुओं की बदौलत भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में रहने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
आरबीआई की यह रिपोर्ट देश के आर्थिक भविष्य के प्रति सकारात्मक संकेत देती है। घरेलू खपत और सरकारी प्रयासों के चलते 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर तेज होने की संभावना है। अब आने वाले बजट से देशवासियों को बड़ी उम्मीदें हैं।