Misleading Ads Penalty on Coaching Institutes : केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA – Central Consumer Protection Authority) ने भ्रामक विज्ञापनों के मामलों में बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट और स्टडीआईक्यू आईएएस पर ₹7 लाख-₹7 लाख और एज आईएएस पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया है। यह कदम उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और उन्हें भ्रामक जानकारी से बचाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सीसीपीए की यह कार्रवाई 2019 के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत की गई है। सीसीपीए की प्रमुख आयुक्त श्रीमती निधि खरे और आयुक्त श्री अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में यह आदेश जारी किया गया। साथ ही, संस्थानों को तुरंत प्रभाव से इन भ्रामक विज्ञापनों को बंद करने का निर्देश दिया गया है।
वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट पर आरोप
वाजीराव एंड रेड्डी इंस्टीट्यूट ने यूपीएससी सीएसई 2022 के परिणामों में दावा किया था:
- “617 चयन 933 में से”
- “टॉप 10 में 7, टॉप 20 में 16, टॉप 50 में 39, और टॉप 100 में 72 चयन”
- “हम भारत के टॉप यूपीएससी कोचिंग संस्थानों में पहले स्थान पर हैं।”
हालांकि, सीसीपीए ने जांच में पाया कि यह दावा भ्रामक था। सभी 617 सफल उम्मीदवार केवल इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम के छात्र थे। संस्थान ने यह जानकारी छिपाई कि ये सफल उम्मीदवार किसी विशेष कोर्स के छात्र थे। इससे छात्रों को यह गलत धारणा हुई कि संस्थान के सभी कोर्स समान सफलता दर प्रदान करते हैं।
स्टडीआईक्यू आईएएस पर आरोप
स्टडीआईक्यू आईएएस ने यूपीएससी सीएसई 2023 के परिणामों पर दावा किया:
- “120+ चयन”
- “सक्सेस पक्का ऑफर” और “सेलेक्शन पक्का ऑफर”
सीसीपीए की जांच में सामने आया कि 134 सफल उम्मीदवारों में से 126 ने इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम (IGP) जॉइन किया था। लेकिन संस्थान ने इस जानकारी को विज्ञापन में नहीं दिखाया। इसके अलावा, “सक्सेस पक्का ऑफर” जैसे दावों को प्रमाणित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज भी संस्थान प्रस्तुत नहीं कर सका।
एज आईएएस पर आरोप
एज आईएएस ने अपने विज्ञापन में 13 सफल उम्मीदवारों के नाम और तस्वीरें प्रकाशित कीं। लेकिन यह जानकारी छिपाई कि इनमें से 11 ने इंटरव्यू गाइडेंस प्रोग्राम और 2 ने मेंटोरिंग कोर्स लिया था। इस भ्रामक विज्ञापन पर सीसीपीए ने संस्थान पर ₹1 लाख का जुर्माना लगाया।
सीसीपीए का सख्त संदेश
सीसीपीए ने स्पष्ट किया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा 2(28)(iv) के तहत भ्रामक विज्ञापन वह है, जो महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाता है। कई कोचिंग संस्थान सफल छात्रों के नाम और तस्वीरों का उपयोग करते हैं, लेकिन उनके कोर्स की सटीक जानकारी छिपाकर छात्रों को भ्रमित करते हैं। सीसीपीए ने अब तक 45 कोचिंग संस्थानों को नोटिस जारी किए हैं और 22 पर ₹71.60 लाख का जुर्माना लगाया है।
उपभोक्ताओं को सलाह
सीसीपीए ने युवाओं और उनके अभिभावकों से अपील की है कि वे किसी भी कोचिंग संस्थान का चयन करते समय उसकी कोर्स डिटेल और सफल छात्रों की सटीक जानकारी पर ध्यान दें। भ्रामक दावों के झांसे में न आएं और सूझ-बूझ से निर्णय लें।