कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सिविल डिफेंस इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने नेताजी के योगदान और बलिदान को याद करते हुए अपने भाषण में कहा कि भारत की आजादी में नेताजी का योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा, “नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बिना हमें आजादी प्राप्त करने में दशकों लग सकते थे। उनका साहस, बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनकी निष्ठा हमें हमेशा प्रेरित करती रहेगी।” उन्होंने आगे कहा कि अंग्रेजों के दिल में महात्मा गांधी से कहीं अधिक नेताजी की खौफ थी और उनके नेतृत्व में ही अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
विशिष्ट अतिथि जे. मांझी ने भी नेताजी के जीवन और संघर्ष पर प्रकाश डाला और उनके आदर्शों को युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया।
समारोह में सिविल डिफेंस वॉलिंटियर्स ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें शंकर कुमार प्रसाद, संजय कुमार, रमेश कुमार, विनोद कुमार, रितेश कुमार, गुहा सुजीत कुमार, गुलशन कुमार, गोपाल चंद्र दास, गीता कुमारी, तेजीता दास, सरस्वती मुर्मू, लखन विश्वकर्मा, महेंद्र शर्मा समेत अन्य लोग उपस्थित थे।
इस जयंती समारोह ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति सम्मान और श्रद्धा को प्रकट किया और उनके आदर्शों को समाज के हर वर्ग में फैलाने का संकल्प लिया गया।