Pahalgam Terror Attack Candle March Chaibasa (प्रकाश कुमार गुप्ता) : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष पर्यटकों की स्मृति में चाईबासा के पोस्ट ऑफिस चौक पर आज एक कैंडल मार्च का आयोजन किया गया। सामाजिक कार्यकर्ता साधु हो’ की अगुवाई में आयोजित इस शांति मार्च में कोल्हान के विभिन्न सामाजिक संगठनों और सैकड़ों आम नागरिकों ने भाग लेकर मृतकों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
मार्च के दौरान गहरे शोक और संवेदना के वातावरण में लोगों ने मोमबत्तियाँ जलाकर मानवता के पक्ष में एकजुटता प्रकट की और इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने यह सवाल उठाया कि “क्या धर्म, मानवता से बड़ा हो सकता है?”
सामाजिक कार्यकर्ता साधु हो’ ने कहा, “हमारे देश में आतंकवाद और जिहाद के नाम पर हो रही हिंसा मानवता के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रही है। जो लोग कश्मीर की वादियों में कुछ सुकून के पल बिताने गए थे, उन्हें नहीं मालूम था कि यह छुट्टी उनकी आख़िरी साबित होगी। यह न केवल एक आतंकी हमला था, बल्कि मानवता के चेहरे पर तमाचा है।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे निर्दोष लोगों की हत्या केवल उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर किया जाना, हमारे देश की सहिष्णुता, विविधता और सांप्रदायिक सौहार्द्र पर एक गहरी चोट है।
कैंडल मार्च में प्रमुख रूप से सामाजिक कार्यकर्ता रेयांश सामड, वीर सिंह बालमुचू, भगवान सवैयां, नीरा मुंडा, महेंद्र जमुदा, संजय देवगम, सोनाली हेम्ब्रम, बनमाली तमसोय, सपना मेलगांडी, और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अर्पित सुमन सहित डॉ. बबलू सुंडी, अक्षय बोदरा, वीर सिंह बिरूली और कई अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
सभी ने एक स्वर में इस बात पर बल दिया कि देश को आतंक के खिलाफ एकजुट होकर खड़ा होना होगा और ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई और निर्दोष ऐसी हिंसा का शिकार न बने।