CHAKULIA : घाटशिला के अनुमंडल पदाधिकारी-सह-अनुमंडल दंडाधिकारी सुनील चंद्र ने चाकुलिया प्रखंड के ग्राम चियाबांधी, पांड्राशोली, धधीका, और खड़बंधा के जंगलों में बाघिन के विचरण की सूचना पर बीएनएसएस-163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। यह कदम बाघिन और ग्रामीणों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
बाघिन के विचरण से बढ़ी सुरक्षा की जरूरत
वन प्रमंडल पदाधिकारी, जमशेदपुर द्वारा सूचित किया गया कि ओडिशा के सिमलीपाल से होते हुए बाघिन गुड़ाबांदा और चाकुलिया के जंगलों में आ चुकी है। बाघिन की उपस्थिति से जान-माल की क्षति की संभावना के चलते अनुमंडल पदाधिकारी ने ग्रामवासियों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है।
ग्रामीणों के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित
ग्रामीणों और बाघिन दोनों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इन गांवों के जंगल और आसपास के क्षेत्रों में आवागमन पर रोक लगा दी गई है। अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा जारी आदेश के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शांति बनाए रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह निषेधाज्ञा तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है।
प्रशासन का सहयोग सुनिश्चित
इस आदेश को चाकुलिया प्रखंड और अंचल पदाधिकारी, नगर पंचायत कार्यपालक पदाधिकारी, चाकुलिया थाना प्रभारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, और अपर जिला दंडाधिकारी को सूचित कर लागू करने का निर्देश दिया गया है।
वन विभाग और प्रशासन की अपील
वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और बाघिन के पास जाने से बचने की अपील की है। प्रशासन ने भी स्थानीय निवासियों को बाघिन की सुरक्षा के लिए सहयोग करने और किसी भी आपात स्थिति की जानकारी तत्काल संबंधित अधिकारियों को देने का अनुरोध किया है।
बाघिन और इंसानों के सह-अस्तित्व का प्रयास
प्रशासन द्वारा यह कदम बाघिन की सुरक्षा और उसके प्राकृतिक पर्यावरण को बनाए रखने के लिए उठाया गया है। वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व की दिशा में यह पहल महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
ग्रामीणों से उम्मीद की जाती है कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करेंगे और बाघिन के विचरण वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखेंगे।