chakuliya water crisis (झारखंड) : चाकुलिया प्रखंड के मयूरनाचनी गांव में जल मीनार पिछले दो महीनों से खराब पड़ा हुआ है, जिससे गांव के करीब 20 परिवारों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस जल मीनार पर गांव के लोग पेयजल के लिए निर्भर थे, लेकिन खराब होने के कारण अब उन्हें एक किलोमीटर दूर स्थित खेत में बने चुआं से पानी लाना पड़ रहा है।
पानी की गंभीर कमी
मुख्यमंत्री जन जल योजना के तहत स्थापित इस जल मीनार को पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा गांव में दिया गया था, लेकिन विगत दो महीनों से यह पूरी तरह से बंद पड़ा है। इस जल मीनार पर निर्भर गांव के लोग अब पानी के लिए 1 किलोमीटर दूर खेतों में स्थित चुआं का सहारा ले रहे हैं। गांव में एक मात्र कुआं है, लेकिन उसका पानी पीने योग्य नहीं है, जिससे गांववाले मुश्किल में हैं। नहाने के लिए भी ग्रामीणों को तालाब का सहारा लेना पड़ता है।
ग्रामीणों की शिकायतें और प्रशासन की नदारदी
गांव के लोगो ने बताया कि जल मीनार की खराबी की शिकायत पंचायत के मुखिया से भी की गई थी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही जल मीनार का मरम्मत नहीं किया जाता है, तो उन्हें आने वाले समय में और भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
जल संकट की गंभीरता
इस पूरे मामले ने ग्रामीणों में प्रशासन की उपेक्षा और जल संकट की गंभीरता को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें पानी के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
अधिकारियों से अपेक्षाएं
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल मीनार की मरम्मत के लिए जल्द कदम उठाए जाएं, ताकि उनका जीवन सामान्य रूप से चल सके और उन्हें पानी के लिए संघर्ष न करना पड़े।
यह घटना जल आपूर्ति और स्वच्छता के संबंध में सरकारी योजनाओं की प्रभावशीलता पर सवाल खड़ा करती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां नागरिकों की बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक उपाय समय पर नहीं किए जाते।