Ho Society Traditional Rituals (प्रकाश कुमार गुप्ता) : नोवामुंडी प्रखंड के कुदमसदा गांव में लगभग एक साल पहले ईसाई धर्म अपनाने वाले “हो” समाज के सात सदस्यों ने अपनी पुरानी आस्था सरना धर्म में वापसी की। गांव के प्रमुख दियुरी सीरपुती लागुरी और सहायक दियुरी बुरजू मेराल ने पारंपरिक तरीके से उनका स्वागत किया। इस दौरान बलि चढ़ाकर गांव में सामाजिक एकता और समृद्धि की कामना की गई।
वापसी करने वाले परिवारों ने “हो” समाज की रीति-रिवाजों के तहत नमा चाटु चोंदा की परंपरा भी शुरू की और सभी घरों को पवित्र किया गया। इस अवसर पर आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा के जगन्नाथपुर अनुमंडल अध्यक्ष बलराम लागुरी ने भी इन सदस्यों का स्वागत किया और बताया कि हाल ही में समाज में जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया था, जिसके बाद बुधराम मेराल और उनके परिवार ने स्वेच्छा से सरना धर्म में वापसी की।

बुधराम मेराल ने बताया कि परिवार में बार-बार बीमारियां और धार्मिक परंपराओं का झंझट झेलते हुए उन्होंने ईसाई धर्म अपनाया था, लेकिन अब वे धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता के चलते फिर से अपनी पुरानी परंपरा में लौटे हैं।
आदिवासी “हो” समाज युवा महासभा ने इस वापसी को सराहनीय कदम बताया और बताया कि भविष्य में इस परिवार का स्वागत और सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। साथ ही, समाज में जागरूकता बढ़ाने के लिए जल्द ही समिति का पुनर्गठन किया जाएगा।