नई दिल्ली – टाटा पावर ने शुक्रवार को निवेशकों के लिए आयोजित एक प्रस्तुति में अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं का खुलासा किया। कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा से होने वाला मुनाफा ₹5,000 करोड़ तक पहुंच जाएगा। साथ ही, टाटा पावर का कुल शुद्ध मुनाफा ₹10,000 करोड़ तक बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा का योगदान 50% होगा।
23 गीगावॉट साफ ऊर्जा का लक्ष्य
टाटा पावर ने जानकारी दी कि कंपनी अपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को वर्तमान 6.7 गीगावॉट से बढ़ाकर FY30 तक 23 गीगावॉट तक ले जाएगी। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, कंपनी वित्त वर्ष 2025 से 2030 के बीच ₹1.46 लाख करोड़ का पूंजीगत व्यय करेगी, जिसमें 60% नवीकरणीय ऊर्जा के लिए निर्धारित किया गया है।
परंपरागत ऊर्जा का योगदान घटेगा
कंपनी ने यह भी बताया कि परंपरागत ऊर्जा स्रोतों का योगदान FY24 के 44% से घटकर FY30 तक मात्र 11% रह जाएगा। यह टाटा पावर की हरित ऊर्जा पर केंद्रित रणनीति का परिणाम होगा।
₹1 लाख करोड़ के राजस्व क्लब में शामिल होगी टाटा पावर
यदि कंपनी अपने लक्ष्यों को हासिल करती है, तो टाटा पावर FY30 तक ₹1 लाख करोड़ वार्षिक राजस्व वाली चौथी टाटा ग्रुप कंपनी बन जाएगी। टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और टाटा स्टील पहले ही इस सूची में शामिल हैं।
लेवरेज में सुधार और शेयरों में वृद्धि
टाटा पावर ने वित्तीय स्थिरता में भी सुधार किया है। कंपनी का नेट डेब्ट-टू-इक्विटी अनुपात FY19 के 2.2x से घटकर सितंबर 2024 में 1.1x हो गया है। सितंबर के अंत तक कंपनी का कुल नेट डेब्ट ₹43,580 करोड़ था।
इस साल टाटा पावर के शेयरों में 32% तक की वृद्धि हुई है, जो समूह की अधिकांश बड़ी कंपनियों से अधिक है।
नवीकरणीय ऊर्जा में अग्रणी बनने का लक्ष्य
टाटा पावर की यह पहल न केवल पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देती है, बल्कि कंपनी को भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में अग्रणी बनने के करीब भी ले जाती है। कंपनी का यह कदम साफ ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के वैश्विक प्रयासों के साथ मेल खाता है।