खाली पदों पर होगी नियुक्ति, कोर्ट ने जताई सख्ती
Jharkhand High Court Big decision : झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार, झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और विश्वविद्यालय प्रशासन को चार महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने को कहा है।
याचिका के बाद आया फैसला
सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय, दुमका की शिक्षिका प्रिसिला सोरेन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद यह निर्देश जारी किया गया। जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की बेंच ने फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार और जेपीएससी को आदेश दिया कि वे नियुक्ति प्रक्रिया में आ रही सभी बाधाओं को दो महीने के भीतर दूर करें और अगले दो महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी करें।
कोर्ट ने जताई सख्ती
इससे पहले, 22 अक्टूबर को कोर्ट ने झारखंड के सभी 12 सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति, रजिस्ट्रार, उच्च शिक्षा विभाग के निदेशक और जेपीएससी के सचिव को सशरीर तलब किया था। अदालत ने उनसे रिक्त पदों की जानकारी ली और पूछा कि इन पर नियुक्तियां कब तक पूरी की जाएंगी।
रिक्त पदों पर समस्या
सुनवाई के दौरान विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने बताया कि असिस्टेंट और एसोसिएट प्रोफेसर के कई पद लंबे समय से खाली हैं। वहीं, जेपीएससी के सचिव ने बताया कि आयोग में अध्यक्ष का पद रिक्त होने के कारण परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पा रही हैं।
गुणवत्ता शिक्षा पर असर
हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा कि अल्पकालिक और घंटी आधारित शिक्षकों के जरिए शिक्षा व्यवस्था चलाना न केवल शिक्षकों और छात्रों का शोषण है, बल्कि यह विश्वविद्यालयों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। अदालत ने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों में 28,000 छात्र नामांकित हैं, लेकिन सरकार इस समस्या की अनदेखी कर रही है।
कोर्ट के निर्देश
राज्य सरकार और जेपीएससी को दो महीने में भर्ती प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को दूर करने का आदेश।
विश्वविद्यालयों से अधियाचना प्राप्त कर विज्ञापन जारी करने और नियुक्ति प्रक्रिया को अगले दो महीनों में पूरा करने का निर्देश। हाईकोर्ट का यह फैसला झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में अहम कदम साबित हो सकता है। कोर्ट ने शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और रिक्त पदों को जल्द भरने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इससे न केवल शिक्षकों को स्थिरता मिलेगी, बल्कि छात्रों को भी बेहतर शिक्षा का लाभ मिलेगा।