बंगाल में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एकजुट हुए विभिन्न संगठन, कहा— ममता सरकार कर रही है तुष्टीकरण की राजनीति, राष्ट्रीय सुरक्षा पर मंडरा रहा है खतरा
West Bengal Violence Protest (प्रकाश कुमार गुप्ता) : पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के विरोध की आड़ में भड़की हिंसा और हिंदुओं पर हुए क्रूर हमलों के विरोध में आज चाईबासा के पुराने उपायुक्त कार्यालय परिसर में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, गौ रक्षा दल, महावीर मंडल समेत विभिन्न हिंदू संगठनों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर ममता सरकार और राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के खिलाफ जमकर आक्रोश प्रकट किया।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि मुर्शिदाबाद से शुरू हुई हिंसा अब पूरे बंगाल में फैल गई है, और हिंदुओं को योजनाबद्ध तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है। वक्ताओं का कहना था कि यह हिंसा केवल कानून विरोध नहीं, बल्कि सुनियोजित रूप से हिंदू समाज को निशाना बनाने का प्रयास है।
“वक्फ कानून बना बहाना, लक्ष्य है हिंदू विहीन बंगाल बनाना”
11 अप्रैल को मुर्शिदाबाद में जो हिंसा भड़की, उसमें उन्मादी भीड़ ने 200 से अधिक हिंदू घरों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया, सैकड़ों को घायल किया गया और तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। दर्जनों महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया, जिसके चलते 500 से अधिक परिवारों को पलायन करना पड़ा। वक्ताओं ने इस पर सवाल उठाया कि जब पीड़ितों के पास जाकर सांत्वना देने की आवश्यकता थी, तब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दंगा भड़काने वाले इमामों से मिल रही थीं।
“बंगाल में राष्ट्र विरोधी ताकतों को खुली छूट, कानून-व्यवस्था ममता सरकार की कठपुतली बनी”
धरना स्थल पर दिए गए वक्तव्यों में यह भी कहा गया कि बंगाल की वर्तमान स्थिति भारत के संघीय ढांचे के लिए खतरा बन चुकी है। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को पहचान पत्र दिए जा रहे हैं, आतंकवादी संगठनों की सक्रियता बढ़ती जा रही है, और पुलिस तथा प्रशासन तृणमूल समर्थित असामाजिक तत्वों के इशारे पर काम कर रहे हैं।

देश की जनता की मांगें— राष्ट्रपति शासन लागू हो, एनआईए जांच हो, रोहिंग्या-बांग्लादेशी घुसपैठियों की हो पहचान और निष्कासन
वक्ताओं ने केंद्र सरकार से मांग की कि:
1. बंगाल में तुरंत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
2. हिंसा की जांच एनआईए से करवाई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
3. कानून व्यवस्था का संचालन केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाए।
4. बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को चिन्हित कर तत्काल देश से निष्कासित किया जाए।
धरना स्थल पर प्रमुख संगठनों की रही भारी भागीदारी
इस धरना प्रदर्शन में गौ रक्षा दल झारखंड प्रांत अध्यक्ष सुजीत साहू, बजरंग दल झारखंड प्रांत सहसंयोजक जनार्दन पांडे, विश्व हिंदू परिषद जिला अध्यक्ष जय जय सारंगी, कार्यकारिणी अध्यक्ष अशोक जैन, जिला मंत्री गोनू जयसवाल, भास्कर कुमार मिश्रा, कुंज बिहारी मिश्रा, निलेश ठक्कर, रितेश शर्मा, समीर पाल, अनुज गुप्ता, बजरंग त्रिपाठी, अंकित साह, रणजीत यादव, राजेश खंडेलवाल, हिमांशु पासवान, रोहित श्रीवास्तव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
“अब चुप नहीं रहेगा हिंदू समाज, राष्ट्रहित में केंद्र को लेना होगा हस्तक्षेप”
सभी संगठनों ने एक स्वर में कहा कि अगर अब भी केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो यह हिंसा बंगाल से आगे अन्य राज्यों तक फैल सकती है, और भारत की अखंडता व साम्प्रदायिक सद्भाव को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है।