India’s GDP growth slows to 5.4% in Q2 FY25
नई दिल्ली : भारत की आर्थिक वृद्धि दर जुलाई-सितंबर 2024 (Q2 FY25) में 5.4% पर आ गई है, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 8.1% और पहले तिमाही में 6.7% थी। सरकार द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, इस गिरावट का प्रमुख कारण कमजोर खपत, कम सरकारी खर्च और मौसम के प्रतिकूल प्रभाव बताए जा रहे हैं।
खपत में कमी और खराब मौसम के कारण गिरावट
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि कमजोर खपत और कुछ प्रमुख उद्योगों पर खराब मौसम के प्रभाव ने इस धीमी वृद्धि का कारण बने। खुदरा खाद्य महंगाई में वृद्धि और कंपनियों के मुनाफे में गिरावट भी इस मंदी के अहम कारक हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भले ही अपनी विकास दर के अनुमान को बरकरार रखा है, लेकिन मुद्रास्फीति के कारण वे सतर्क नजर आ रहे हैं।
आर्थिक टाइम्स और रॉयटर्स के सर्वे में अनुमानित धीमी वृद्धि
The Economic Times द्वारा कराए गए एक सर्वे में 17 अर्थशास्त्रियों ने इस तिमाही में 6.5% की वृद्धि का अनुमान लगाया था, जबकि एक रॉयटर्स पोल में भी इसी तरह के अनुमान थे, जो रिजर्व बैंक के 7% के अनुमान से कम थे।
सरकारी खर्च और खपत पर दबाव
आंकड़ों के मुताबिक, इस तिमाही में कमजोर खपत और सरकार की तरफ से कम खर्च के चलते जीडीपी वृद्धि दर में यह गिरावट देखी गई। इसके अलावा, कृषि, निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मौसम के प्रभाव ने भी वृद्धि की गति को धीमा कर दिया। भारत की जीडीपी वृद्धि में आई यह मंदी आगामी तिमाहियों में आर्थिक प्रबंधन के लिए चुनौती बन सकती है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने अपने विकास अनुमान को बनाए रखा है, लेकिन मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक दबावों को देखते हुए सतर्कता बरतने की आवश्यकता बनी हुई है।