Manmohan Singh passes away : देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में गुरुवार (26 दिसंबर 2024) को निधन हो गया। अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था, लेकिन डॉक्टरों की कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, “डॉ. मनमोहन सिंह एक शानदार नेता और देश के लिए एक सच्चे मार्गदर्शक थे। उनके नेतृत्व में भारत ने आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।”
डॉ. मनमोहन सिंह: एक महान अर्थशास्त्री
डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में देश का नेतृत्व किया। 2008 की वैश्विक आर्थिक मंदी के दौरान उनके कुशल नेतृत्व ने भारतीय अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखा। नरसिम्हा राव सरकार के दौरान भारत के आर्थिक उदारीकरण में उनका योगदान अभूतपूर्व था। इसके अलावा, वह RBI गवर्नर और वित्त मंत्री के रूप में भी अपनी अहम भूमिका निभा चुके थे।
अचानक बिगड़ी तबीयत
गुरुवार शाम को सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया था। ICU में डॉक्टर्स की टीम उनकी हालत पर नजर रखे हुए थी, लेकिन उनकी स्थिति में सुधार नहीं हो सका।
पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याएं
डॉ. मनमोहन सिंह को उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं लंबे समय से थीं। इससे पहले भी वह कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके थे।
राजनीतिक जीवन की झलक
प्रधानमंत्री (2004-2014): लगातार दो बार भारत के प्रधानमंत्री रहे।
वित्त मंत्री (1991-1996): आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई।
RBI गवर्नर: देश की मौद्रिक नीतियों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
अहम योगदान और विरासत
डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 1932 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुआ था। बंटवारे के बाद वह भारत आए और अपने ज्ञान और परिश्रम से दुनिया भर में भारत का नाम रोशन किया। उनके निधन से देश ने एक सच्चा मार्गदर्शक और महान अर्थशास्त्री खो दिया।
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन न केवल भारत के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनकी नीतियां और योगदान हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।