रांची : झारखंड में JSSC-CGL (झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा) एक बार फिर विवादों के घेरे में है। भाजपा नेता दुवारिका शर्मा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए परीक्षा में अनियमितताओं का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि, “झारखंड सरकार हर बार की तरह इस बार भी परीक्षा का प्रबंधन सही तरीके से करने में नाकाम रही है। सरकार को छात्रों की मेहनत और भविष्य के प्रति गंभीरता दिखानी चाहिए।”
दुवारिका शर्मा ने आगे कहा, “झारखंड के लाखों छात्र दिन-रात मेहनत करके परीक्षा की तैयारी करते हैं। वे अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने और देश की सेवा करने का सपना देखते हैं। लेकिन हर बार परीक्षा के समय कुछ न कुछ गड़बड़ी करके इसे रद्द कर दिया जाता है। इससे छात्रों का भविष्य बर्बाद हो रहा है। आखिर कब तक छात्र ऐसे हालात झेलेंगे?”
पुनः उभरे पुराने विवाद
झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा को लेकर समय-समय पर विवाद सामने आते रहे हैं। हाल के वर्षों में प्रमुख समस्याओं में पेपर लीक, आरक्षण नीति पर विवाद, भर्ती प्रक्रिया में देरी और परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी शामिल रही है।
1. पेपर लीक की घटनाएं
झारखंड में JSSC परीक्षाओं के दौरान कई बार पेपर लीक की घटनाएं सामने आईं। इससे परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं और कई बार परीक्षाओं को रद्द भी करना पड़ा।
2. नई आरक्षण नीति पर विवाद
सरकार द्वारा लागू की गई नई आरक्षण नीति में क्षेत्रीय भाषा और स्थानीय उम्मीदवारों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया। लेकिन इसे लेकर कई उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई। इस विवाद के चलते अदालत में मामले पहुंचे और परीक्षाओं में देरी हुई।
3. भर्ती प्रक्रिया में देरी
JSSC के परिणाम घोषित करने में होने वाली देरी ने भी छात्रों में असंतोष बढ़ाया है। कई बार वर्षों की मेहनत के बाद भी छात्र नौकरी पाने में असमर्थ रह जाते हैं।
छात्रों में नाराजगी बढ़ी
JSSC की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी के कारण छात्रों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। छात्रों ने परीक्षा रद्द करने की मांग तेज कर दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
भाजपा नेता ने राज्य सरकार से अपील की है कि वे परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाएं और छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बंद करें। अब देखना होगा कि झारखंड सरकार इस विवाद को लेकर क्या कदम उठाती है।