Senior Citizen Rights India — हरिना पंचायत के पांडरशीली गांव की असहाय वृद्धा बिलाशिणी बारीक, जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक है, आज अंचल कार्यालय पोटका में अपनी पीड़ा लेकर पहुंची। वर्षों से पारिवारिक प्रताड़ना और संपत्ति विवाद झेल रही बिलाशिणी की कहानी ने अंचल कार्यालय में मौजूद लोगों को झकझोर कर रख दिया। उनके दुखद अनुभवों को सुनते ही अंचल अधिकारी निकिता वाला ने कठोर कदम उठाने का निर्णय लिया।
बिलाशिणी बारीक, जो पति व संतान विहीन हैं, ने बताया कि उनके ही परिवार के सदस्य – देवर और भतीजे – उन्हें संपत्ति से बेदखल करने के लिए मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करते हैं। उन्होंने बताया कि गांव के मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों से कई बार सहायता मांगी, लेकिन किसी ने उनकी फरियाद नहीं सुनी।
आज जब वे थक-हारकर न्याय की उम्मीद में अंचल कार्यालय पहुंचीं, तो संयोगवश उनकी मुलाकात पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल से हुई। श्री मंडल ने उन्हें अंचल अधिकारी निकिता वाला के समक्ष प्रस्तुत किया और पूरे मामले से अवगत करवाया।

हल्का कर्मचारी शंभू नाथ देहरी ने भी इस बात की पुष्टि की कि उन्होंने स्वयं जाकर परिजनों को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन उनका व्यवहार नहीं बदला। पीड़िता के साथ आज अंचलाधिकारी के कक्ष में पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल, मुनीराम बास्के, अंचल निरीक्षक शांति राम सडंगी और संबंधित हल्का कर्मचारी भी उपस्थित थे।
पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए अंचल अधिकारी निकिता वाला ने संबंधित कर्मचारी एवं अंचल निरीक्षक को निर्देश दिया कि सभी प्रताड़ना में शामिल परिजनों को नोटिस जारी कर कार्यालय में बुलाया जाए। उन्होंने पीड़िता को भरोसा दिलाया कि न्याय अवश्य मिलेगा और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह भी अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने वर्षों बाद भी बिलाशिणी बारीक को वृद्धा पेंशन जैसी बुनियादी सुविधा तक नहीं मिल पाई है। अंचल अधिकारी ने इस पर भी संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
इस घटना ने न केवल प्रशासन की संवेदनशीलता को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि न्याय की उम्मीद अभी भी जिंदा है।