चाईबासा (प्रकाश कुमार गुप्ता) : यूं तो सभी जानते हैं कि रक्त का कोई विकल्प नहीं है, एक इंसान ही दूसरे इंसान की जीवन बचाने के लिए अपना रक्त दे सकता है, और इस कार्य के लिए शहर चाईबासा के उरांव समाज रक्तदान समूह के सदस्य हमेशा तत्पर रहते हैं। किसी भी मरीज को अगर रक्त की आवश्यकता पड़ती है और संबंधित ग्रुप का रक्त नहीं मिल पाता है, तो ऐसे में समूह के सक्रिय सदस्य 24 घंटे तैयार रहते हैं। बता दे कि यह समूह प्रतिदिन पश्चिम सिंहभूम जिले के अलावे अन्य जिलों के भी मरीजों को रक्त उपलब्ध करा रही है। कल देर रात्रि तुड़िया खरसावां की एक मरीज अनुधर्ज महतो को ऑपरेशन हेतु तत्काल ओ पॉजिटिव रक्त की आवश्यकता पड़ रही थी, मरीज के परिजन काफी परेशान थे, क्योंकि उक्त ग्रुप का रक्त उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। अंततः रात्रि लगभग 11:30 बजे उरांव समाज रक्तदान समूह के मुख्य संचालक “ब्लडमेन” लालू कुजूर को यह सूचना मिली।
श्री कुजूर ने बिना देर किए ही अपने ग्रुप के सदस्यों को इस बात की सूचना दी, रात्रि काफी हो चुकी थी, ठंड भी बहुत ज्यादा था, ऐसे में भी सूचना पाकर समूह के सक्रिय सदस्य व प्रेरक विष्णु मिंज जो शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर ग्रामीण क्षेत्र में रहते है, तुरंत ब्लड बैंक जाकर अपना रक्तदान किया और उक्त मरीज की जीवन को बचाने में अपनी भूमिका निभाई। मौके पर श्री मिंज ने कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मुझे इस आपातकालीन में मरीज के लिए उसके जीवन को बचाने के लिए कुछ करने का मौका मिल रहा है। मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूं कि रक्त को ही एक ऐसा माध्यम बनाया है जो एक इंसान को इंसान से जोड़ता है। “ब्लडमेन” लालू कुजूर ने कहा कि इस तरह के कार्य के लिए हमारा समूह 24 घंटा तत्पर है। हमारा प्रयास रहता है कि किसी भी मरीज की जान रक्त की कमी के कारण न हो, हमारे समूह से जुड़े सभी रक्तदाता तीन महीना के अंतराल में अपना अपना रक्त का दान सिर्फ चाईबासा ही नहीं, अपितु जमशेदपुर, रांची आदि शहरों में भी जाकर करते रहते हैं। हम लोग यह नहीं देखते हैं कि वर्तमान दिन है या रात है, ठंड है या गर्म लग रहा है, हमारा बस फर्ज है इंसानियत के नाते रक्तदान करना, हम लोग करते रहते हैं। इस इस आपातकालीन स्थिति में रक्तदान के मौके पर समूह के चमरू लकड़ा,गणेश कच्छप,बंधन खलखो,बंटी कुमार एवं चाईबासा सृष्टि में मुख्य संचालक प्रकाश कुमार गुप्ता मुख्य रूप से उपस्थित थे।