Ho Language Promotion Event Chaibasa (प्रकाश कुमार गुप्ता): आज आदिवासी हो समाज महासभा कला एवं संस्कृति भवन हरिगुटु, चाईबासा में हो हयम मरसल अकड़ा ने हो भाषा और लिपि पर ऑनलाइन के माध्यम से सीख रहे विभिन्न राज्यों के छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न जगहों पर काम करते-करते सीख रहे लोगों की मनाई मिलन समारोह। साथ ही प्रशस्ति पत्र देकर भाषा के प्रति जागरूक किया।इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. जानुम सिंह सोय को मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे ।पद्मश्री ‘सोय सहाब’ हो हयम मरसल अखड़ा का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि मातृभाषा अपने समाज की संस्कृति इतिहास और परंपरा का दर्शन कराते हैं और अपने समाज के विकास के प्रति प्रेरित करते हैं।
हो भाषा की आठवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए सरकार की क्या जवाब है और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए समाज की क्या योगदान है इस विषय पर युवा महासभा महासचिव गब्बर सिंह हेंब्रम ने अपने विचार व्यक्त किया। रविंद्र बाल संस्कार स्कूल,असुरा के बच्चों द्वारा हो भाषा और लिपि पर एक नृत्य पर सबका मन मोह लिया। हो हयम मरसल अकड़ा का इतिहास पर प्रकाश डालते हुए गोवाई गागराई ने संस्थापक सिंगापुर में नर्सिंग ऑफिसर के रूप मे कार्य रहे पंगेला सामड एवं सहयोगी नीलिमा बारदा और अमनदीप कौर को धन्यवाद दिया कि पांच से शुरू होकर आज एक साल के भीतर हजार हो गए। मंच संचालन जगन्नाथ हेस्सा द्वारा किया गया।
मौके पर साहित्यकार डोबरो बुड़िउली, जवाहर लाल बंकिरा, सोनु हेस्सा, रविन्द्र बाल संस्कार स्कूल निदेशक सिकंदर बुड़िउली,चांडिल के कार्यपालक दंडाधिकारी विजयलक्ष्मी सिंकु, कुचाई बीडीओ साधु चरण देवगम,डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर दिलदार पुरती, अधिवक्ता बीर सिंह बुड़िउली, कोल्हन विश्वविद्यालय हो विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ बसंत चाकी, युवा महासभा अध्यक्ष इपिल सामड,समाजसेवी दामोदर हासदा,सृजोन हाईबुरू,साधना सामड, डॉ रीना गोडसोरा, चंद्रमोहन देवगम नन्दनी कोड़ा:, सावित्री सिंकु,सुजाता मुंडरी, प्रधान तामसोय, सतीश सामड आदि उपस्थित थे।