Employment in Kolhan (प्रकाश कुमार गुप्ता) : भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के अध्यक्ष चंद्र मोहन तिऊ ने झारखंड सरकार से अपील की है कि बजट 2025-26 में कोल्हान क्षेत्र के मजदूरों, किसानों, बेरोजगार युवाओं और आदिवासी समुदायों के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए जाएं। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं और आर्थिक सशक्तिकरण की कमी महसूस कर रहा है, इसलिए इस बजट में कोल्हान की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
चंद्र मोहन तिऊ ने इस संदर्भ में सरकार से निम्नलिखित महत्वपूर्ण मांगें की हैं:
मजदूरों के लिए विशेष प्रावधान:
मनरेगा का विस्तार: कोल्हान क्षेत्र में 200 दिनों का रोजगार सुनिश्चित किया जाए और मजदूरी दर में वृद्धि की जाए।
श्रमिक कल्याण बोर्ड का सशक्तिकरण: असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बीमा, स्वास्थ्य सुविधाएं और पेंशन योजनाओं का लाभ मिले।
मजदूरों के पलायन को रोकना: राज्य के भीतर रोजगार के अवसर विकसित किए जाएं, ताकि मजदूरों को बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े।
किसानों के लिए राहत और विकास योजनाएं:
किसानों का कर्ज माफ: छोटे और सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया जाए और ब्याज मुक्त कृषि ऋण प्रदान किया जाए।
लघु सिंचाई योजनाओं का प्रचार: चेक डैम और सोलर पंपों को बढ़ावा दिया जाए, जिससे किसानों को सुविधा मिले।
एमएसपी पर फसल खरीद: सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिले।
जैविक खेती और कृषि-आधारित स्टार्टअप: इन दोनों क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाए।
युवाओं और बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर:
रोजगार गारंटी योजना: शहरी और ग्रामीण बेरोजगारों के लिए रोजगार गारंटी योजना लागू की जाए।
स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम: स्थानीय उद्योगों, खदानों और अन्य क्षेत्रों से जोड़कर ग्रामीण युवाओं को रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिया जाए।
स्टार्टअप फंड: युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप फंड की स्थापना की जाए।
सरकारी नौकरियों में भर्ती: कोल्हान क्षेत्र के युवाओं को प्राथमिकता देते हुए रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती की जाए, और निजी क्षेत्र में भी स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता दी जाए।
अनुसूचित जनजाति के लिए विशेष योजनाएं:
वन भूमि पर अधिकार: आदिवासी समुदाय को वन भूमि पर अधिकार दिलाने के लिए पट्टा वितरण की प्रक्रिया तेज की जाए।
शिक्षा और प्रशिक्षण केंद्र: आश्रम स्कूल, छात्रावास और कोचिंग केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए।
स्थानीय कारीगरों और दस्तकारों के लिए सहायता: उनके उत्पादों को बाजार में उपलब्ध कराया जाए और उन्हें आर्थिक सहायता दी जाए।
चंद्र मोहन तिऊ ने कहा कि यदि सरकार कोल्हान के विकास के लिए गंभीर है, तो उसे बजट में इन मांगों को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि कोल्हान के मेहनतकश मजदूरों, किसानों और युवाओं की समस्याओं को नजरअंदाज न किया जाए और इस बजट में उनके लिए ठोस कदम उठाए जाएं।