Potka News : लंबे संघर्ष और अथक प्रयास के बाद पोटका प्रखंड के डोमजूड़ी पंचायत स्थित डोमजूड़ी गांव के “नापित” जाति के तीन व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया गया। इस सफलता का श्रेय पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल को जाता है, जिन्होंने इस मुद्दे को अंचल से लेकर जिला तक मजबूती से उठाया।
घटना का प्रारंभ:
डोमजूड़ी गांव के राजू प्रमाणिक ने उच्च शिक्षा हेतु जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। हालांकि, उनकी जमीन के खतियान में जाति “नापित” दर्ज है, जबकि सरकारी जाति सूची में इसे “नाई/हजाम” के रूप में दर्ज किया गया है। इस असमानता के कारण पोटका अंचल अधिकारी (सीओ) द्वारा उनका आवेदन बार-बार खारिज कर दिया गया।
राजू प्रमाणिक के अलावा अन्य आवेदकों को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा। समस्या के समाधान के लिए गांववासियों ने पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल से संपर्क किया।
लंबे संघर्ष का परिणाम:
पूर्व पार्षद मंडल के नेतृत्व में लगातार संघर्ष जारी रहा। ग्राम सभा से प्रमाणित किया गया कि “नाई/हजाम” और “नापित” एक ही जाति के पर्याय हैं। इसके बाद भी पोटका सीओ द्वारा बार-बार आवेदन खारिज किए गए।
आखिरकार, आज एक प्रतिनिधि मंडल पूर्व पार्षद श्री मंडल के नेतृत्व में सीओ निकिता वाला से मिला। बैठक के दौरान बस्तुस्थिति स्पष्ट की गई और सीओ को समस्या का समाधान निकालने के लिए प्रेरित किया गया।
त्वरित कार्रवाई:
सीओ ने तत्परता दिखाते हुए संबंधित क्लार्क को बुलाकर रिजेक्ट किए गए तीनों आवेदनों को पुनः आवेदन करने और जाति प्रमाण पत्र निर्गत करने का आदेश दिया। आधे घंटे के भीतर राजू प्रमाणिक, कृष्ण प्रमाणिक और गुरुपद प्रमाणिक को ऑनलाइन जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
आगे की प्रक्रिया:
सीओ ने यह भी निर्देश दिया कि गांव के बाकी सदस्यों को ग्राम सभा की कॉपी संलग्न कर ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया पूरी करनी चाहिए, ताकि सभी जरूरतमंदों को जाति प्रमाण पत्र निर्गत किया जा सके। इस सफलता के बाद “नापित” समाज में खुशी की लहर दौड़ गई। लंबे समय से चली आ रही समस्या के समाधान ने समाज के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर दिया है। पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल के साथ प्रतिनिधि मंडल में कृष्णा प्रमाणिक, गोकुल प्रमाणिक, संजय प्रमाणिक, उकील प्रमाणिक, राजू प्रमाणिक, कार्मू प्रमाणिक, अनूप प्रमाणिक और राधा बल्लभ मंडल भी उपस्थित थे। यह घटना न केवल संघर्ष की शक्ति को दर्शाती है, बल्कि यह भी सिद्ध करती है कि सामूहिक प्रयासों और उचित नेतृत्व से समस्याओं का समाधान संभव है। पूर्व जिला पार्षद करुणा मय मंडल का यह प्रयास समाज के लिए प्रेरणा स्रोत है।